कौन है ये समंदर का गिद्ध?
इस INS-जटायु को भारत के लक्षद्वीप पर तैनात किया गया है। ये लक्षद्वीप के मिनिकॉय आईलैंड नेवी बेस पर तैनात है। 6 मार्च 2024 को इसे भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है। इसे लक्षद्वीप में नौसेना की परिचालन पहुंच में सुधार के लिए बनाया गया है।
कैसे करेगा काम?
1- दरअसल यही वो बेस होगा जो इस क्षेत्र में होने वाली किसी भी गतिविधि को भांप सकेगा और उसे जवाब दे सकेगा।
2- इसके अलावा ये पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती पर भी निगरानी करेगा और सेना की मदद करेगा।
क्यों है जरूरी?
बता दें कि भारत का लक्षद्वीप (Lakshadweep) बेहद खूबसूरत द्वीप है जो केरल के तट से लगभग 200 किमी दूर स्थित है। ये समंदर में बसे 35 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। यहां पर लगभग 64,000 लोगों की आबादी है। यहां पर भारत की केंद्र सरकार का शासन है। इन 35 द्वीपों में 32 वर्ग किमी का भूभाग है।
चीन पर रहेगी पैनी नज़र
भारतीय नौसेना के मुताबिक 2012 में INS-द्वीपरक्षक लक्षद्वीप (Lakshadweep) के कावारत्ती में शुरू होने वाला पहला बेस था। यहां पर नौसेना टुकड़ी मिनिकॉय की स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में हुई थी। मिनिकॉय लक्षद्वीप के दक्षिण में स्थित सबसे आखिरी द्वीप है जो संचार की दृष्टि से अहम समुद्री सीमाओं (SLOC) तक फैला हुआ है। ये क्षेत्र भारत के लिए कितना अहम है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि भारतीय सेना में INS-जटायू के शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर बनी एक हवाई पट्टी और नई दिल्ली जेटी का उद्घाटन किया था और और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन (China) के खिलाफ रणनीतिक बढ़त की भारत की जरूरत को बढ़ावा दिया था।