आइकॉनिक बिल्डिंग
अमेरिका के लुइसियाना स्टेट के लेक चार्ल्स शहर में कैलकैसियू नदी के किनारे खड़ा Hertz टॉवर एक मलबा बन गया। यह बिल्डिंग 40 साल से लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी और शहर की आइकॉनिक बिल्डिंग थी, लेकिन पिछले 4 साल से यह बिल्डिंग ‘भूतिया’ जगह से कम नहीं थी, क्योंकि इसे बंद कर दिया गया था। इसके अंदर एंट्री भी बैन थी, इंसान तो दूर परिंदा तक इस बिल्डिंग में नजर नहीं आता था। वहीं आज इस बिल्डिंग का नाम ही मिटा गया है। कोर्ट में केस कई साल चला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बिल्डिंग के मालिक और
लॉस एंजिल्स में मशहूर रियल एस्टेट फर्म हर्ट्ज इन्वेस्टमेंट ग्रुप ने 167 मिलियन डॉलर की मांग की, क्योंकि इस बिल्डिंग के रखरखाव पर मालिक का इतना पैसा खर्च हुआ था। कई साल चली कानूनी लड़ाई के बाद दोनों पक्षों में समझौता हुआ। बिल्डिंग के मालिक को मुआवजा दिया गया और शहरी प्रशासन ने बिल्डिंग को बम से उड़ाकर जमींदोज कर दिया।
चक्रवाती तूफान का प्रभाव
हाल ही में आए
चक्रवाती तूफान के कारण इस इमारत को काफी नुकसान हुआ था। तूफान ने बिल्डिंग की संरचनात्मक अखंडता को प्रभावित किया, जिससे यह अति-खतरनाक स्थिति में आ गई थी। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इसे ध्वस्त करने का निर्णय लिया।
कानूनी विवाद और मुआवजा
Hertz Tower के मालिक और लॉस एंजेलिस की प्रसिद्ध रियल एस्टेट फर्म Hertz Investment Group ने इस इमारत के रखरखाव के लिए 167 मिलियन डॉलर की मांग की थी। कई वर्षों तक चले कानूनी विवाद के बाद, दोनों पक्षों में समझौता हुआ। मालिक को उचित मुआवजा दिया गया और अंततः प्रशासन ने इस बिल्डिंग को बम से उड़ा दिया।
आखिरी दिन का सीन
बम विस्फोट की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को लगाया गया था, जिन्होंने बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के लिए बम लगाए। विस्फोट के बाद, पूरी इमारत एक विशाल धुएं के गुबार में बदल गई और महज कुछ सेकंडों में मलबे में बदल गई। इस घटना ने शहरवासियों को भावुक कर दिया और कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए।