नकली मृत्यु प्रमाण पत्र
पेन्सिलवेनिया में लेहाई विश्वविद्यालय के छात्र आर्यन आनंद ने चौंकते हुए स्वीकार किया कि उसने एक अमरीकी कॉलेज में फर्जी छात्रवृत्ति प्राप्त की थी। उसकी इस जालसाजी में नकली प्रतिलेख, निबंध और यहां तक कि पिता के जीवित होने के बावजूद नकली मृत्यु प्रमाण पत्र भी शामिल था।भारत भेज दिया
जानकारी के मुताबिक, आर्यन आनंद को दो महीने पहले गिरफ्तार किया गया था और घोर जालसाजी के लिए उसे 20 साल तक की जेल हो सकती थी। हालांकि, विश्वविद्यालय अधिकारियों के अनुरोध पर, उन्हें निर्वासित कर भारत भेज दिया गया।दूसरी ओर, लेहाई यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा, “हम उस रिपोर्ट और गहन जांच की सराहना करते हैं जिसके कारण यह मामला सामने आया।”