शांति के लिए भारत निभा सकता है अहम भूमिका
ट्रंप की ओर से शपथ समारोह के लिए निमंत्रण नहीं मिलने से निराश ज़ेलेन्स्की की टीम अब रूस-यूक्रेन युद्ध (
Russia-Ukraine War) में मध्यस्थता के लिए भारत से उम्मीद जता रही है। ट्रंप के शपथ समारोह के बीच सोमवार को ही यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के अध्यक्ष एंद्रिय येरमाक ने ऑनलाइन भारत के पत्रकारों से प्रेस वार्ता की। वार्ता के दौरान येरमाक ने कहा, “भारत न केवल क्षेत्रीय बल्कि एक वैश्विक शक्ति भी है और वो न केवल युद्ध विराम कराने में, बल्कि शांति कराने में अहम भूमिका निभा सकता है। पिछले दो सालों में हमने भारत के साथ शांति फार्म्यूले पर काफी चर्चा की है और हम वार्ता के ज़रिए शांति के भारतीय पक्ष से परिचित हैं।”
पुतिन जल्द कर सकते हैं भारत दौरा
येरमाक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी लगातार संपर्क में बने हुए हैं। येरमाक का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा इस साल के लिए प्रस्तावित है और ट्रंप भी भारत यात्रा की योजना बना रहे हैं।
पुतिन और ट्रंप, दोनों चर्चा को तैयार
ट्रंप ने यह भी कहा कि वह जल्द ही पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि ट्रंप ने यह नहीं बताया कि वह रूसी राष्ट्रपति से कब और कहाँ मिलेंगे। उधर, पुतिन ने भी ट्रंप को राष्ट्रपति बनने की बधाई दी है और ट्रंप से बातचीत की इच्छा जताई है। साथ ही पुतिन ने यह भी कहा है कि वह यूक्रेन में स्थाई शांति की अपेक्षा कर रहे हैं।
भारत में है संतुलन की ताकत
गौरतलब है कि पुतिन के गुरु कहे जाने वाले रूसी प्रोफेसर अलेक्जेंडर दुगिन और स्पूतनिक न्यूज़ एजेंसी दिमित्रि किसिलेव पहले ही कह चुके हैं कि रूस, यूक्रेन और अमेरिका के बीच बातचीत के लिए भारत एक आदर्श मंच हो सकता है। दुगिन ने कहा कि भारत में ऐसी ताकत है कि वो दोनों देशों के बीच संतुलन का काम कर सकता है। भारत में अमेरिका, यूक्रेन और रूस के प्रतिनिमंडल का पूरा स्वागत होगा।
यूक्रेन को ट्रंप ने दिया झटका
शपथ लेते ही ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अंतर्गत समीक्षा लंबित रहने तक 90 दिनों के लिए सभी अमेरिकी विदेशी विकास सहायता पर रोक लगा दी गई है। कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान अमेरिकी विदेशी सहायता आवंटन, अमेरिका के हितों के अनुरूप नहीं है और कई मामलों में देश के मूल्यों के प्रतिकूल हैं। ऐसे में विदेशों के लिए विपरीत विचारों को बढ़ावा देकर यह मदद विश्व शांति को अस्थिर करने का काम करती है, जो देशों के आंतरिक और उनके बीच सामंजस्यपूर्ण और स्थिर संबंधों के बिल्कुल विपरीत है। इससे अब यूक्रेन को अमेरिका की तरफ से मिलने वाली मदद 90 दिनों के लिए बंद हो जाएगी, जो ट्रंप की तरफ से यूक्रेन के लिए एक झटका है।