खैबर पख्तूनख्वा में सरकारी स्तर पर दीवाली क्यों नहीं मनाई ?
पाकिस्तान सीनेट के अधिवेशन में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) के दिनेश कुमार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सीनियर हुमायूं मेहमंद के बीच खैबर पख्तूनख्वा में सरकारी स्तर पर दीवाली न मनाने पर गर्मागर्म बहस हुई। सीनेट में अपने भाषण में दिनेशकुमार ने कहा कि तीन प्रांतों में दीवाली सरकारी स्तर पर मनाई गई है, गंडापुर से कहें कि खैबर पख्तूनख्वा में भी मनाई जाए।
बलूचिस्तान जैसा धार्मिक समन्वय कहीं नहीं
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में जो धार्मिक समन्वय है, वह आपको पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा। उनका कहना था कि यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि मरियम नवाज ने हिंदू समुदाय के साथ मिल कर दीवाली मनाई, उन्होंने दीवाली मना कर दुनिया को अच्छा संदेश दिया है, आज से
मरियम नवाज़ मेरी नेता हैं। इस पर सीनियर हुमायूं मेहमंद ने कहा कि तो फिर आप यहाँ क्यों बैठे हैं? सरकारी बेंचों पर बैठें। गौरतलब है कि पिछले दिन पहली बार पंजाब के इतिहास में सरकारी स्तर पर दीवाली का त्योहार मनाया गया, मुख्यमंत्री पंजाब मरियम नवाज़ ने दीवाली का दिया जलाया और समारोह में संबोधित भी किया।