जैश अल अदल का गठन साल 2012 में हुआ था, यह एक सुन्नी संगठन है, जो ईरान के दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान से संचालित होता है। ईरानी सरकार इस आतंकी संगठन को आतंकी संगठन मानती है। ईरान में हुए कई हमलों में इस संगठन का हाथ माना जाता है। सीरिया में किए जा रहे हमलों और सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में ईरानी सेना द्वारा सुन्नियों की कथित प्रताड़ना के खिलाफ जैश अल अदल का गठन किया गया है। जैश अल अदल ईरान में सुन्नियों के लिए सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत को आजाद कराना चाहता है।
जैश अल अदल ईरान और पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की जंग छेड़ रखी है। यह पाकिस्तान में हमलाकर ईरान में घुस जाता है और ईरान में हमला कर पाकिस्तान में घुस जाता है। इसके कारण दोनों देश कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। अब दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत दोनों देश सुरक्षा के मामले में सहयोग को विस्तार देंगे।
भारत ने 2016 में हुए उरी आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने पहली सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके बाद भी पाक्स्तिान की आदत नहीं सुधरी। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला कराया। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के अंदर खुसकर बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। ईरान ने ठीक इसा उल्टा किया है। पहले उसने एयर स्ट्राइक की। इसके बाद अब सर्जिकल स्ट्राइक की है।