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Sameera Aziz : इस इस्लामी देश में पर्दे के माहौल से निकल कर आयरन लेडी बनने वाली इस महिला पर बनेगी बायो पिक

Sameera Aziz : इंडो पैसिफिक से ताल्लुक रखने वाली सऊदी अरब की मशहूर साहसी पत्रकार डॉ समीरा अज़ीज़ की जिंदगी पर प्रेरक जीवनी फिल्म बनाई जा रही है।

नई दिल्लीJul 19, 2024 / 08:28 pm

M I Zahir

Sameera Aziz

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Sameera Aziz : जाने-माने बॉलीवुड फिल्म निर्देशक शाद अली ने अपनी आगामी जीवनी फिल्म के बारे में एक बड़ी घोषणा की है, जो एक प्रसिद्ध सऊदी मीडिया हस्ती डॉ. समीरा अज़ीज़ का प्रेरक जीवन चित्रित करेगी, जो सऊदी अरब की नागरिक हैं। फिल्म एक सऊदी महिला डॉ. समीरा अज़ीज़ के जीवन का संघर्ष दिखाती है, जिन्होंने तमाम बाधाओं को तोड़ दिया और सऊदी मीडिया उद्योग में नए मानक स्थापित किए, जब महिलाएं शायद ही कभी सऊदी अरब में पत्रकारिता जैसा पेशेवर जीवन चुनती थीं। पेश है रिपोर्ट सीधे अरब से :

अल-खोबर शहर में हुआ जन्म

जद्दाह में रहने वाली डॉ. समीरा अज़ीज़ का जन्म सऊदी अरब के अल-खोबर शहर में हुआ था और उन्हें 2016 में मध्य पूर्व की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक शख्सियत के लिए ‘ग्रेट वुमन अवार्ड’ भी दिया गया है। सन 1947 से पहले, उनके परिवार की जड़ें भारत के लखनऊ शहर, बांग्लादेश के सिलहट, पाकिस्तान के कराची शहर, सऊदी अरब के अल-खोबर शहर और अमेरिका के ह्युस्टन शहर तक फैली हुई थीं। अपनी दक्षिण एशियाई पृष्ठभूमि के बावजूद, डॉ. समीरा अज़ीज़ सऊदी मीडिया में एक महत्वपूर्ण हस्ती बन गईं, जो पुरुषों के पारंपरिक सऊदी समाज में अपने साहस और दृढ़ संकल्प के लिए जानी जाती हैं।

एक ट्रेंड सेटर बन गईं

डॉ. समीरा अज़ीज़ ने लगभग पच्चीस (25) साल पहले सऊदी मीडिया मंत्रालय के तहत दिवंगत प्रिंस अहमद बिन सलमान के संरक्षण में एक खोजी पत्रकार के रूप में प्रशिक्षण लिया और उच्च-स्तरीय निर्णय लेने वाले पदों पर काम किया, साथ ही कई ‘ ‘स्टिंग ऑपरेशन में बहादुरी से सक्रिय रूप से भाग लिया। बाद में वे एक ट्रेंड सेटर और अग्रणी बन गईं, और विश्व स्तर पर अपनी मातृभूमि सऊदी अरब की छवि और धारणा बेहतर बनाने के प्रयासों में विदेशी भाषाओं में सऊदी मीडिया में देशभक्तिपूर्ण भूमिका निभाती रहीं।
तस्वीर में डॉ. समीरा अजीज (बीच में), निर्देशक शाद अली (दांये) और अंकुर निगम (बांये) को देखा जा सकता है।
तस्वीर में डॉ. समीरा अजीज (बीच में), निर्देशक शाद अली (दांये) और अंकुर निगम (बांये) को देखा जा सकता है।

निर्देशक शाद अली : एक नजर

निर्देशक शाद अली को साथिया, बन्टी और बबली, झूम परार झूम, ओके जानू और सूरमा आदि जैसी कई फिल्मों के लिए जाना जाता है, और दिल से, गुरु, रावन और रावणन आदि जैसी कई फिल्मों के लिए सहायक निर्देशक के रूप में भी जाना जाता है। अपने बायो फिल्म प्रोजेक्ट के बारे में खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “हमने डॉ. समीरा अजीज के वास्तविक जीवन के फुटेज को फिल्माना शुरू कर दिया है, उदाहरण के लिए जब उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की, तो उन वास्तविक क्षणों को रिकॉर्ड किया गया है।

आप बीती के वीडियो सेशन रिकॉर्ड

इसी तरह उनकी आप बीती के वीडियो सेशन भी रिकॉर्ड किए गए हैंं, यह फिल्म प्रोजेक्ट सऊदी मीडिया की अग्रणी आयरन लेडी की कहानी के बारे में है, जिसे दुनिया अभी तक पूरी तरह से खोज नहीं पाई है, जबकि यह एक सच्ची तस्वीर पेश करती है। शाद अली ने कहा कि वह राज्य और उसके स्थानीय वातावरण की वास्तविक सुंदरता दिखाने के लिए सऊदी अरब में फिल्म के एक बड़े हिस्से की शूटिंग करेंगे।

यह आम फिल्मों की तरह नहीं

जहां डॉ. समीरा अज़ीज़ की जिंदगी में इतना बड़ा सकारात्मक बदलाव आया है, वहीं निर्माता अंकुर निगम का कहना है कि यह बायोपिक बिल्कुल भी आम फिल्मों की तरह नहीं है जिसमें एक महिला अपने ऊपर जुल्म होने पर हथियार उठाती है और बदला लेती है।

बुलंद जिंदगी पर केंद्रित

अंकुर निगम कहते हैं, फिल्म दरअसल डॉ. समीरा अज़ीज़ की बुलंद जिंदगी पर केंद्रित है, जिसमें वह अपने रुढ़िवादी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का हिस्सा बनती हैं। यह फिल्म न केवल डॉ. समीरा अजीज के साहस का प्रमाण है, बल्कि उनके मजबूत सिद्धांतों और उनके समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के दृढ़ संकल्प भी दर्शाती है।

प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का विजन

यह फिल्म प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके विजन 2030 पर भी प्रकाश डालती है, क्योंकि उनकी पहल ने सऊदी अरब की वैश्विक छवि सुधारने और डॉ. समीरा अज़ीज़ सहित सऊदी महिलाओं के जीवन को बदलने में योगदान दिया है। उनका कहना है कि यह जीवनी पर आधारित फिल्म रोमांचकारी, एक्शन से भरपूर और एक प्रेरक सच्ची कहानी पर आधारित है, जिसमें दिखाया जाएगा कि कैसे मासूम समीरा ने अपने आसपास की नकारात्मक और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, एक रूढ़िवादी समाज में धैर्य और शांति के साथ ऊंचाई हासिल की। यह कहानी नई पीढ़ी के लिए आशा की किरण है, जो यह साबित करती है कि अगर यह लड़की यह सब कर सकती है, तो कोई भी हार मानने के बजाय अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है।

फिल्में साहस और विकास सिखाती हैं

डॉ. समीरा अज़ीज़ कहती हैं, “शाद अली और अंकुर निगम ने मुझे सलाह दी कि मुझे वैश्विक समाज की भलाई के लिए अपनी जीवन कहानी निश्चित रूप से साझा करनी चाहिए, क्योंकि यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।” मुझे लगता है कि हालिया बायोपिक्स की लोकप्रियता यह भी साबित करती है कि फिल्म देखने वाले प्रेरक सच्ची कहानियों के भूखे हैं, जो साहस, दृढ़ संकल्प और विकास सिखाती हैं।

कड़ी मेहनत और दृढ़ता का उदाहरण

निर्देशक और निर्माता सहित हमारी टीम का मानना ​​है कि माई जर्नी विपरीत परिस्थितियों से उबरने के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ता का उदाहरण है, क्योंकि यह सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण साहस, धैर्य और समकालीन रोल मॉडल की कमी हो रही है और नई पीढ़ी अवसाद और निराशा से ग्रस्त है। इन देशों में जीवन की यात्रा के बारे में जीवनी पर आधारित फिल्म फिलहाल प्री-प्रोडक्शन चरण में है, और इसका नाम अभी तक सामने नहीं आया है।

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