2022 में ही डेड घोषित हो गया था रूस के ये उपग्रह
रूस का ‘रिसर्स-पी-1’ नाम का जो सैटेलाइट टुकड़े-टुकड़े हुआ, (Russian Satellite Blast) उसे 2022 में डेड घोषित कर दिया गया था। इसके मलबे की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि आसपास के किसी सैटेलाइट या स्टेशन को नुकसान हो सकता था। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में मौजूद पांच अमरीकी और एक रूसी अंतरिक्ष यात्री को नासा (NASA) ने चेतावनी भेजी। उन्हें सुरक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया गया। नासा के मुताबिक दूसरे सैटलाइट्स को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। रूसी सैटेलाइट में ब्लास्ट कैसे हुआ, फिलहाल पता नहीं चला है। रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
अमरीकी स्पेस कमांड ने की पुष्टि
एक अमरीका स्पेस ट्रैकिंग फर्म को सबसे पहले पता चला कि रूसी सैटेलाइट के टुकड़े अंतरिक्ष में फैल रहे हैं। बाद में अमरीकी स्पेस कमांड ने पुष्टि की कि सैटेलाइट के 100 से ज्यादा टुकड़े हो चुके हैं। सैटेलाइट जब टूटा, वह पृथ्वी की निचली कक्षा में करीब 355 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। इस क्षेत्र में हजारों छोटे उपग्रह हैं। यहां स्पेसएक्स (SpaceX) के स्टारलिंक उपग्रहों का नेटवर्क और चीन का स्पेस स्टेशन भी है।
मलबा हटने में लगेगा लंबा समय
अमरीका स्पेस ट्रैकिंग फर्म का कहना है कि चूंकि मलबा निचली कक्षा में फैला है, इसलिए इसके हटने में हफ्तों से महीनों तक का समय लग सकता है। अंतरिक्ष में मानवनिर्मित उपग्रहों और उपकरणों के मलबे में पिछले कुछ साल में लगातार वृद्धि हुई है। हालांकि इस मलबे के कारण बड़े हादसे अब तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय है।