रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव के अनुसार, यूक्रेन ने रूसी आक्रमण का विरोध करने के लिए 63 विभिन्न देशों के कुल 6,824 विदेशी लड़ाकों को नियुक्त किया है। उन्होंने आगे कहा कि इन लड़ाकों में से अधिकांश (1,717) पोलैंड से आए थे जबकि 1,500 अमेरिका, कनाडा और रोमानिया से आए थे। लगभग 300 यूके और जॉर्जिया से आए थे, जबकि 193 सीरिया के तुर्की-नियंत्रित हिस्सों से आए थे।
रूस ने कहा कि यूक्रेन ने शनिवार तक मारियुपोल में 4,000 से अधिक सैनिकों को खो दिया था। वहीं, कीव का कहना है कि राष्ट्रव्यापी युद्ध में अब तक 2,500 से 3,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं।
रूस ने रविवार को यूक्रेनी सैनिकों को मारियुपोल के दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह में सरेंडर के लिए एक अल्टीमेटम दिया है। मॉस्को ने कहा कि उसकी सेना ने लगभग सब अपने नियंत्रण में ले लिया है और दो महीने के जंग में ये मॉस्को के लिए बड़ी उपलब्धि है।
बता दें रूसी हमले के कारण यूक्रेन में हर तरफ तबाही का मंजर है। यहाँ शिक्षा से लेकर दैनिक सुविधाओं का अकाल पड़ गया है क्योंकि सब धीरे-धीरे तबाह हो रहा है। इस तबाह के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने घोषणा की है कि गोलाबारी से नष्ट हुए क्षेत्रों में आवास के पुनर्निर्माण के लिए एक बड़े पैमाने पर परियोजना शुरू कर दी गई है।
यह भी पढ़े –
रूसी हमले के कारण यूक्रेन के शैक्षणिक संस्थान, सड़क-पुल तबाह, लोग पलायन करने को मजबूर