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Pakistan: इमरान खान और बुशरा बीबी को सज़ा के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी PTI, जानिए क्या थे आरोप

Pakistan: PTI संस्थापक इमरान खान को कोर्ट ने 14 साल की जेल वहीं बुशरा बीबी को 7 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है।

नई दिल्लीJan 17, 2025 / 04:23 pm

Jyoti Sharma

Imran Khan and his Wife Bushra Bibi

Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरी बीबी को 190 मिलियन पाउंड के अल कादिर ट्रस्ट केस में दोषी ठहराए जाने और सज़ा मिलने के फैसले को इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) ने हाई कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है। पार्टी ने इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। पार्टी ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है। 

पाकिस्तान के न्यायिक इतिहास काला दिन

पाकिस्तान की मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल असेंबली में विपक्ष (PTI) के नेता उमर अयूब ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये पाकिस्तान के न्यायिक इतिहास का “काला दिन” है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को पैसा मिला है, न कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान या उनकी पत्नी को। 
PTI के एक और नेता शिबली फ़राज़ ने कहा कि इमरान खान और उनकी पत्नी को अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए सज़ा दी जा रही है। जिसका उद्देश्य पैगंबर मुहम्मद (PBUH) की शिक्षाओं को बढ़ावा देना था। फ़राज़ ने कहा कि “देश को लूटने वाले खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि ईमानदार नेताओं को जेल जाना पड़ रहा है।” 

इमरान खान को 14 औप बुशरा बीबी को 7 साल की सज़ा

बता दें कि PTI संस्थापक इमरान खान इस मामले में 14 साल की जेल वहीं बुशरा बीबी (Bushra Bibi) को 7 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है। इस फ़ैसले की घोषणा जज नासिर जावेद राणा ने अदियाला जेल में एक अस्थायी अदालत में की। अदालत ने इमरान ख़ान और उनकी पत्नी को 1 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (PKR) और 500,000 PKR का जुर्माना भरने को कहा। वहीं अगर जुर्माना नहीं भरा तो दोनों को 6 महीने की जेल होगी। 
फैसला सुनाए जाने के बाद बुशरा बीबी को कोर्ट रूम से ही गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले साल 8 फरवरी को चुनाव होने के तुरंत बाद 27 फरवरी को दंपति पर इस मामले में आरोप तय किए गए थे। 

क्या है आरोप?

इस केस में आरोप ये है कि इमरान खान और बुशरा बीबी ने बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की ज़मीन हासिल की और इसके बदले 50 अरब पाकिस्तानी रुपये को वैध बनाया, जिसकी पहचान ब्रिटेन ने इमरान खान की सरकार के दौरान की और उसे पाकिस्तान को लौटा दिया।
इस बाद 23 दिसंबर को, जब फैसला सुनाया जाना था, इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने सर्दियों की छुट्टिों के चलते फैसला 6 जनवरी तक के लिए टाल दिया था। फिर 6 जनवरी को भी फैसला नहीं सुनाया गया क्योंकि मामले की सुनवाई कर रहे जज नासिर जावेद राणा छुट्टी पर थे। फिर इसकी सुनवाई 13 जनवरी को हुई और जज ने कहा कि अदियाला जेल में जवाबदेही अदालत में इमरान खान और बुशरा बीबी की गैर मौजूदगी ही इस फैसले की देरी की वजह थी।

2023 में हुई गिरफ्तारी

2023 में इमरान खान को कई मामलों में गिरफ्तार किया गया था। जिसे उन्होंने “राजनीति से प्रेरित” करार दिया था। 2024 में, उन्हें साइफर और इद्दत मामलों में बरी कर दिया गया था। हालांकि, उन्हें तोशाखाना 2 मामले में आरोपित किया गया था।
दिसंबर 2023 में, पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने अल-कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के संबंध में इमरान खान और उनकी पत्नी समेत 7 और लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। आरोप था कि इमरान खान ने कराची में बहरिया टाउन की जमीन के भुगतान के लिए नामित खाते में पाकिस्तान के लिए फंड के अवैध ट्रांसफर में अहम भूमिका निभाई थी। 

ये हैं आरोपी

इस मामले में दूसरे आरोपी प्रॉपर्टी टाइकून मलिक रियाज हुसैन और उनके बेटे अहमद अली रियाज, मिर्जा शहजाद अकबर और जुल्फी बुखारी शामिल हैं। लेकिन जांच में शामिल होने के बजाय, वे फरार हो गए जिसके बाद उन्हें घोषित अपराधी (PO) करार दिया गया। वहीं 6 आरोपियों की संपत्ति भी फ्रीज़ कर दी गई। 
आरोप के मुताबिक रियाज के बेटे ने शहजादी को 240 कनाल जमीन ट्रांसफर कर दी, जबकि बुखारी ने एक ट्रस्ट के तहत जमीन ली थी, जिसके बारे में जांच ब्यूरो ने कहा कि ट्रांसफर करते समय इसका अस्तित्व ही नहीं था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक ट्रस्ट का गठन 190 मिलियन पाउंड के एडजस्टमेंट के बाद ही किया गया था। 
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