भगत सिंह को शहीद कहना इस्लामी अवधारणा के खिलाफ
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक सहायक महाधिवक्ता असगर लेघारी ने रिपोर्ट में दावा किया कि भगत सिंह ने जो किया वह एक क्रांतिकारी काम नहीं बल्कि एक अपराधी काम क्यों की उन्होंने अधिकारी को मार डाला था। इन्होंने यह भी कहा था कि भगत सिंह को शहीद कहना इस्लामिक अवधारणा के खिलाफ है। सेवानिवृत्त कमोडोर तारिक मजीद का हवाला देते हुए रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि भगत सिंह मुसलमानों के विरोधी धार्मिक नेताओं से प्रभावित थे और भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन इस्लामी मूल्यों और पाकिस्तानी संस्कृति के खिलाफ काम कर रहा था।
फाउंडेशन पर लगे बैन
इस रिपोर्ट में फाउंडेशन पर बैन लगाने और उसके अधिकारियों की जांच करने की मांग की गई। बता दें कि भगत सिंह फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज राशिद कुरैशी ने लाहौर उच्च न्यायालय के चौक का नाम बदलने के 2018 के आदेश को लागू नहीं किए जाने के बाद न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की। कुरैशी के वकील के बीमार होने के कारण उनकी गैर मौजूदगी में 17 जनवरी, 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।