विश्वासघात और अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बना
पत्र में भास्कर ने लिखा कि कई राजनीतिक नेता, जो पिछले वर्षों में इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इस वर्ष अचानक हट गए, जिससे समुदाय को ‘विश्वासघात और अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाए जाने का अहसास हुआ।’ ओएफआइसी के अध्यक्ष ने विपक्ष (opposition) के नेता से माफी मांगने को कहा है और इसे ‘असंवेदनशील और भेदभावपूर्ण कृत्य’ बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव (tensions) गंभीर है, लेकिन इससे भारतीय मूल के कनाडाई लोगों के साथ अनुचित व्यवहार नहीं होना चाहिए, जिनका भारत सरकार से कोई संबंध नहीं है। गौरतलब है कि यह आयोजन इस साल भी होगा, लेकिन अब ट्रूडो की पार्टी के सांसद चंद्र आर्य इसका आयोजन करेंगे।पिछले दिवाली समारोह में शामिल हुए थे भारत के उच्चायुक्त और पोलीव्रे
नवंबर 2023 के दीवाली समारोह में, पोलीव्रे और कनाडा में भारत के तत्कालीन उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने सभा को संबोधित किया था, जिसमें लगभग 540 अतिथि उपस्थित थे।
कनाडा में पनप रहा नस्लवाद
यह सिर्फ दीवाली के किसी कार्यक्रम के रद्द होने या किसी ऐसे कार्यक्रम के बारे में नहीं है जिसमें राजनेता भाग लेने की अपनी प्रतिबद्धता से मुकर जाते हैं। यह कहीं एक बहुत गहरी समस्या के बारे में है। कनाडा में नस्लवाद और भेदभाव पनप रहा है। इस नवीनतम घटना ने उन प्रणालीगत पूर्वाग्रहों को उजागर कर दिया है जो अभी भी मौजूद हैं।
पिछले 26 सालों से संसद परिसर में आयोजित हो रहा था समारोह
1998 में संसद हिल पर दीवाली समारोह की शुरुआत दिवंगत कंजर्वेटिव सांसद दीपक ओबराई ने की थी। 2019 में उनके निधन के बाद से इस कार्यक्रम की मेजबानी कंजर्वेटिव सांसद ही कर रहे थे। हालांकि इस बार कंजर्वेटिव इस कार्यक्रम की मेजबानी से पीछे हट रहे हैं। इस कार्यक्रम के अचानक रद्द होने का कोई कारण भी नहीं बताया गया।
अब लिबरल पार्टी के सांसद करेंगे आयोजन
अब लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य कैलगरी स्थित ओबराई फाउंडेशन के साथ दिवाली समारोह की मेजबानी करेंगे। मंगलवार को एक प्रेस रिलीज में फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रीति ओबराई-मार्टिन ने यह जानकारी दी। इसमें कहा है, संसद हिल पर दिवाली समारोह अपने 24वें साल में है और हमारे पिता दीपक ओबराई ने हमेशा इस कार्यक्रम को एक सर्वदलीय कार्यक्रम के रूप में देखा था। उनमें पार्टी की राजनीति से परे जाकर संस्कृति का जश्न मनाने की क्षमता थी। इसमें आगे कहा गया है कि, चंद्र आर्य हमेशा से इस आयोजन के समर्थक रहे हैं। इसलिए हमारे परिवार के लिए यह सम्मान की बात है कि वे इस साल पार्लियामेंट हिल पर समारोह की मेजबानी कर रहे हैं।