बता दें कि उत्तर कोरिया ने इस साल अगस्त महीने में अमरीका के साथ दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास करने पर इस हॉटलाइन को बंद कर दिया था। हालांकि दो महीने से पहले ही उनका मन बदल गया और अब वे हॉटलाइन खोलने को तैयार हैं।
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हालांकि, किम जोंग उन इस बार दक्षिण कोरिया पर तो मेहरबान दिखे, मगर अमरीका पर उनके रुख में कोई नरमी नहीं आई है। संसद सत्र के दौरान किम जोंग उन ने अमरीका पर आरोप लगाया कि उसने उत्तर कोरिया के प्रति अपनी शुत्रुता पूर्ण नीति बदले बिना बातचीत प्रस्ताव दिया है।
सरकारी समाचार संस्था केसीएनए ने किम जोंग उन के हवाले से बताया कि अमरीका राजनयिक जुड़ाव की बात कर रहा है। मगर यह अंतरराष्ट्री समुदाय को धोखा देने और अपने शत्रुतापूर्ण कामों को छिपाने की छोटी सी चाल है। यह अमरीकी प्रशासन की ओर से लगातार अपनाई गई शत्रुतापूर्ण नीतियों का विस्तार है।
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हालांकि, किम जोंग उन दक्षिण कोरिया के साथ शांति का सशर्त प्रस्ताव बढ़ाते देखे गए। केसीएनए की रिर्पोर्ट में दावा किया गया है कि किम जोंग उन ने कोरिया के दोनों देशों के बीच की हॉटलाइन को अक्टूबर से बहाल करने की इच्छा जाहिर की है। मगर अब यह दक्षिण कोरिया सरकार के रवैए पर निर्भर करता है कि दोनों देशों के संबंधों को बहाल किया जाता है कि या फिर मौजूदा हालात को यूं ही बिगड़ते रहने दिया जाएगा।