भ्रामकता फैला रहा है पाकिस्तान
इस टिप्पणी पर तीखा ऐतराज जताते हुए त्रिवेदी ने तुरंत ROR (राइट ऑफ रिप्लाई) का विकल्प इस्तेमाल किया और सदन में दृढ़ता से कहा कि, “जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा”। उन्होंने मंच से यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में उचित लोकतांत्रिक चुनाव हुए हैं और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र मंच का गैर-तत्वपूर्ण और भ्रामक शब्दों के लिए इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई। अपने भाषण में उन्होंने कहा, “भारत पाकिस्तान द्वारा की गई टिप्पणियों का जवाब देने का विकल्प चुनता है, जिसने एक बार फिर इस प्रतिष्ठित संस्था को अपने एजेंडे से भटकाने का प्रयास किया है। हम यह बताना चाहेंगे कि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा”।
हाल ही में चुनावों में लोगों ने अपने अधिकारों का किया प्रयोग
उन्होंने कहा, “जम्मू और कश्मीर के लोगों ने हाल ही में अपने लोकतांत्रिक और चुनावी अधिकारों का प्रयोग किया है और एक नई सरकार चुनी है। पाकिस्तान को इस तरह की बयानबाजी और झूठ से बचना चाहिए क्योंकि इससे तथ्य नहीं बदलेंगे। इस मंच के प्रतिष्ठित सदस्यों के सम्मान में, भारत पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र प्रक्रियाओं का उपयोग करने, दुरुपयोग करने के किसी भी प्रयास का जवाब देने से परहेज करेगा।”
X पर किया पोस्ट
एक्स पर अपनी पोस्ट में त्रिवेदी ने लिखा, “संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों पर चर्चा के दौरान जब पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के उसी विषय पर बोलते हुए, विषय को भटकाने की कोशिश की और अनावश्यक रूप से उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी तब शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में विवादित क्षेत्र जम्मू और कश्मीर में शांति सैनिक तैनात किए थे।” बता दें कि सुधांशु त्रिवेदी राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रवक्ता हैं, वे विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के साथ भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के एक भाग के रूप में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के दौरे पर हैं।