यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-सैन फ्रांसिस्को में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर राव के नेतृत्व में खोजी गई इस तकनीक जरिए मिर्गी के दौरे का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, जिससे मरीज समय रहते सावधान हो सकते हैं। अभी मिर्गी से पीड़ितों के इलाज के लिए रिस्पॉन्सिव न्यूरोस्टिम्यूलेशन सिस्टम (आरएनएस) का उपयोग किया जाता है, जो मस्तिष्क की गतिविधि की निगरानी करता है। कई बार यह तकनीक काफी देर से प्रतिक्रिया देती है।
शोधकर्ताओं ने आरएनएस का उपयोग कर रहे 15 हिप्पो कैंपस दौरे वाले रोगियों का अध्ययन किया और पाया कि दौरे से पहले मस्तिष्क में एक विशेष पैटर्न होता है, जो कई दिन तक चलता है। इस विधि को ‘स्नैपशॉट सीजर फॉरकास्टिंग’ नाम दिया गया है। यह प्रणाली लगभग सभी प्रतिभागियों के लिए सही साबित हुई, जिससे उन्हें सावधानी बरतने का समय मिल गया।