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‘जाकिर और जिन्ना’ पर पाकिस्तान में बरपा हंगामा, नेताओं ने पाक सरकार पर उठाई उंगली  

Zakir Naik: जाकिर नाइक ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया था, यहां पर दिए गए भाषणों से खुद पाकिस्तान की जनता से लेकर बड़े-बड़े नेता, धार्मिक नेता तक बौखलाए हुए हैं। उन्होंने पत्र लिखकर पाकिस्तान की सरकार से जवाब मांगा है।

नई दिल्लीOct 25, 2024 / 01:00 pm

Jyoti Sharma

Leaders letter to Pakistan President Zardari on Zakir naik

Leaders letter to Pakistan President Zardari on Zakir naik

Zakir Naik: कट्टरपंथी और भगोड़ा जाकिर नाइक जब से पाकिस्तान गया है वहां पर हंगामा मचा हुआ है। उसके भड़कीले भाषणों में धर्म विशेष और महिलाओं को टारगेट करने को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) की आवाम बौखलाई हुई है। अब पाकिस्तान चर्च के प्रेसिडेंट बिशप, रेवरेंड आजाद मार्शल ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Pakistan President) को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के ईसाई समुदाय (Christian community) और उनके धर्म पर की गई टिप्पणी पर चिंता जताई है। जाकिर नाइक पिछले सप्ताह पाकिस्तान के दौरे पर आए थे और उन्होंने कई सार्वजनिक भाषण दिए थे। 

क्या कहा गया लेटर में?

मार्शल ने अपने पत्र में कहा कि जाकिर नाइक की बातें ईसाई समुदाय में गहरी असंतुष्टि पैदा कर रही हैं। नाइक ने ईसाई धर्म की सच्चाई पर सवाल उठाए, पवित्र ग्रंथों को गलत ठहराया, और पादरियों और विद्वानों की मान्यताओं को नकारा। पत्र में यह भी कहा गया कि नाइक की टिप्पणियों से न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि इससे सभी पाकिस्तानियों का राष्ट्रीय गौरव भी आहत हुआ है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।
मार्शल ने यह भी आलोचना की कि पाकिस्तानी सरकार ने नाइक की बातों पर कोई अफसोस जाहिर नहीं किया, जिससे ईसाई समुदाय में उपेक्षा की भावना और बढ़ गई है, जबकि सरकार बार-बार धार्मिक सद्भावना और सम्मान का वादा करती रही है।

मोहम्मद अली जिन्ना के भाषण का हुआ जिक्र 

उन्होंने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए, खासकर जब ये घटनाएं सरकारी समर्थन में हो रही हों। मार्शल ने मोहम्मद अली जिन्ना के 1947 के ऐतिहासिक भाषण का जिक्र किया, जिसमें जिन्ना ने सभी धर्मों के लोगों को बराबर का अधिकार देने की बात कही थी। पत्र में यह भी बताया गया कि जाकिर नाइक ने खुले मंचों पर ऐसी बातें कहीं, जहां ईसाई पादरियों और विद्वानों को जवाब देने का मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान के ईसाई नेताओं ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी पत्र लिखा है और मांग की है कि जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्होंने ईसाई धर्म को बदनाम किया है।

पाकिस्तान में बढ़ी ईशनिंदा की घटनाएं

गौरतलब है कि जाकिर नाइक भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत फैलाने वाले भाषणों के आरोप में वांछित है। नाइक 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया चला गया था, जहां उसे स्थायी निवास मिल गया था। पाकिस्तान में हाल के वर्षों में अल्पसंख्यकों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि वहां धार्मिक हिंसा और ईशनिंदा के आरोपों के चलते अल्पसंख्यक समुदायों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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