कनाडा आतंकवादियों और चरमपंथियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। उन्होंने हिंदू-कनाडाई (Canada) लोगों से आगे आने और अपने अधिकारों का दावा करने तथा राजनेताओं को समुदाय की सुरक्षा के लिए जवाबदेह बनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपील की कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और नेताओं को सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए जवाबदेह ठहराएं। इन हालात से भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव (diplomatic tensions) पैदा हो गया है।
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस हमले को अस्वीकार्य बताया
प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस हमले को अस्वीकार्य बताया और स्थानीय पुलिस की त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “हर कनाडाई को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। भारतीय दूतावास ने इस हिंसा को “बेहद निराशाजनक” बताया, लेकिन कहा कि उसने भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1,000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी करने में सफलता पाई। यह घटना भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव के बीच हुई है, जो ट्रूडो के आरोपों के बाद शुरू हुआ था कि “भारतीय एजेंट” खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थे। भारत ने इन आरोपों को “निराधार” बताया है।
राजनेताओं को जवाबदेह बनाने का आह्वान
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने अपने शीर्ष राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया था, और हाल के बयानों में कनाडा में भारतीय राजनयिकों को मिल रही धमकियों पर चिंता व्यक्त की थी। इधर भारतीय दूतावास ने कहा कि “भारत विरोधी तत्वों” ने मंदिर द्वारा सह-आयोजित कांसुलर शिविर के बाहर हिंसा को अंजाम दिया। उन्होंने हिंदू-कनाडाई लोगों से आगे आने और अपने अधिकारों का दावा करने और समुदाय की सुरक्षा के लिए राजनेताओं को जवाबदेह बनाने का भी आह्वान किया।