डेविड पोलांस्की ने कई पुरस्कार जीते हैं, जिसमें दो इज़राइली फिल्म अकादमी पुरस्कार और बच्चों की किताबों के चित्रण के लिए एंडरसन पुरस्कार शामिल हैं। भारत में इज़राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा, “डेविड पोलांस्की इज़राइल के बड़े चित्रकारों में से एक हैं और उनके कार्यों को पूरी दुनिया में जाना जाता है। उनकी दृश्य भाषा रमणीय, गहरी और अनूठी होती हैं। हमें बहुत खुशी है कि वह भारत आ रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इससे इजरायल-भारत संस्कृति संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।”
बता दें, पुरस्कार विजेता चित्रकार टाटा लिटरेचर लाइव, ‘द मुंबई लिटफेस्ट’ में 11 नवंबर से 13 नवंबर तक भाग लेंगे। यहां वह प्रसिद्ध डायरी ‘ऐनी फ्रैंक’ को कॉमिक्स में ढालने की रचनात्मक प्रक्रिया पर एक सेशन देंगे और ‘ड्राइंग फ्रॉम मेमोरी- इलस्ट्रेशन ऑफ़ द एवरीडे’ पर एक कार्यशाला आयोजित करेंगे। भारत में इज़राइल के दूतावास ने 14 नवंबर को डेविड पोलांस्की की मेजबानी करने के लिए कोलकाता में सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट के साथ सहयोग किया है। वहीं, 15 नवंबर को उनकी मेजबानी के लिए दूतावास ने मेटा आर्ट्स के साथ भी सहयोग किया है।
बताया जा रहा है कि डेविड पोलांस्की जादवपुर विश्वविद्यालय में कॉमिक्स अध्ययन कार्यक्रम के छात्रों के साथ एक वर्कशॉप आयोजित करेंगे। भारत में इज़राइल के दूतावास, सांस्कृतिक अताशे, रेउमा मंत्ज़ुर ने कहा कि डेविड पोलांस्की भारत के रचनात्मक कलाकारों की लंबी श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हैं जो “भारत को प्रेरणा के स्रोत के रूप में पाते हैं।”
रेउमा मंत्ज़ुर ने आगे कहा, “पोलांस्की की यह पहली भारत यात्रा है। वह इज़राइल के रचनात्मक कलाकारों की लंबी श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भारत को प्रेरणा के स्रोत के रूप में पाते हैं। वह सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (SRFTI) में एक कार्यशाला आयोजित करेंगे, जिसके साथ हमारे गहरे संबंध हैं और मुझे उम्मीद है कि यह सहयोग जारी रहेगा और गहरा होगा।”
इसके बाद हैरिंगटन स्ट्रीट आर्ट्स सेंटर में बंगाल और इज़राइल में चित्रण के इतिहास पर एक कलाकार अड्डा द्वारा वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। पोलांस्की के साथ बातचीत के लिए लेखकों, चित्रकारों, साहित्य उद्यमियों, शिक्षाविदों और संस्कृति टिप्पणीकारों को आमंत्रित किया जाएगा। आर्टिस्ट अड्डा में ग्राफिक उपन्यासों से संबंधित अनुभवों, तथ्यों और उपाख्यानों को साझा करना, कॉमिक्स, लंबे प्रारूप का चित्रण और समकालीन बंगाली और इजरायली समाज पर उनके प्रभाव को साझा करना शामिल होगा।