क्यों इजरायल ने लिया फैसला ?
इजरायल का ये फैसला इसलिए बेहद अहम हो जाता है क्योंकि बीते दिनों काहिरा (Cairo) में होने वाली इस शांति वार्ता में इजरायल ने हिस्सा लेने से साफ इनकार कर दिया था क्य़ोंकि हमास ने सीजफायर (ceasefire in Gaza) को लेकर इजरायल की शर्त मानने से इनकार कर दिया था। दरअसल इजरायल ने हमास से दो मांगें मांगी थी। एक तो ये कि-
1- हमास इजरायल के बंधकों की लिस्ट उन्हें सौंपेगा और बताएगा कि कितने बंधक जिंदा हैं और कितने मर गए या मार दिए गए।
2- इजरायल ने जितने फिलिस्तीनियों को जेल से आज़ाद किया है उसका सटीक अनुपात भी बताना।
इजरायल की इन दोनों मांगों को मानने से हमास (Hamas) ने इनकार कर दिया था। उसने इजरायल को बंधकों की लिस्ट देने से भी मना कर दिया। जबकि खुद हमास, इजरायली बंधकों के बदले में इजरायली जेलों से फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग कर रहा है जो इजरायल (Israel) ने भी मानने से इनकार कर दी थी और इसी वजह से उसने काहिरा की शांतिवार्ता बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था लेकिन अब इजरायल ने अपना रुख नरम किया है और कतर (Qatar) में होने वाली आज की शांतिवार्ता में बैठक में हिस्सा लेने के संकेत दे दिए हैं।
दुनिया भर में इजरायल की हो रही आलोचना
दरअसल इजरायल को दुनिया भर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। गाज़ा में भुखमरी और भूखे लोगों की सामुहित हत्याओं के आरोप इजरायली सेना पर लगे हैं। हालांकि इजरायल अब तक इन आरोपों से पल्ला झाड़ता आया है। बीते दिन संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इजरायल से फिर से अपील कर कहा है कि वो मानवता के लिए अब तो ये युद्ध रोक दे। ‘
अब तक करीब साढ़े 31 हजार लोगों की मौत
बता दें कि गाजा (Gaza) के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबाक गाज़ा में इजरायली हमले में अब तक 31 हजार 490 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं।