इज़रायल पर बढ़ रहा है दबाव
युद्ध विराम के दौरान शर्तों के मुताबिक हमास ने कई बंधकों को आज़ाद किया। इनमें इज़रायली बंधक भी थे। पर युद्ध विराम के खत्म होने के बाद बंधकों की रिहाई का सिलसिला भी खत्म हो गया। अभी भी हमास के चंगुल में करीब 120 इज़रायली बंधक हैं। कुछ दिन पहले ही इज़रायली सेना की गलती की वजह से 3 इज़रायली बंधक मारे गए थे। अब इज़रायल पर अपने बंधकों को आज़ाद कराने के लिए दबाव भी बढ़ रहा है। लोग इज़रायल की राजधानी तेल अवीव (Tel Aviv) में प्रदर्शन कर रहे हैं और सभी बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
इज़रायल के सामने है बड़ी चुनौती
इज़रायली सेना भले ही गाज़ा में तबाही मचा रही हो, पर अपने बंधकों को आज़ाद नहीं करा पा रही है। इज़रायली सेना को भी नहीं पता कि हमास ने उनके लोगों को कहाँ बंधक बनाकर रखा है। एक हफ्ते चले युद्ध विराम के दौरान हमास ने इज़रायली बंधकों को भी रिहा किया, पर युद्ध विराम के खत्म होने के बाद बंधकों की रिहाई भी बंद हो गई। हमास ने युद्ध विराम को बढ़ाने की बार-बार अपील भी की, पर इज़रायल ने इसे स्वीकार नहीं किया। अब इज़रायल अपने बंधकों की रिहाई के लिए युद्ध विराम के लिए तैयार है पर हमास इसके लिए तैयार नहीं है।
हमास इज़रायली बंधकों को रिहा करने के खिलाफ नहीं है, पर अब कुछ समय के युद्ध विरामों से आगे बढ़ना चाहता है। हमास इस युद्ध का अंत चाहता है जिससे फिलिस्तीनियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पूरी तरह से बंद की जा सके। हमास युद्ध को पूरी तरह से बंद करने के लिए इज़रायल से बातचीत करने के लिए भी तैयार है, लेकिन हमास बंधकों की रिहाई के लिए युद्ध विराम के बारे में इज़रायल से किसी तरह की बातचीत नहीं करना चाहता। वहीँ इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं कि युद्ध में जीत ही इज़रायल का लक्ष्य है। ऐसे में बंधकों को आज़ाद कराना इज़रायल के सामने एक बड़ी चुनौती है।