2024 में मारे गए भारतीय छात्र
3 जनवरी 2024- विवेक सैनी (25) की जॉर्जिया में हत्या की गई। जिसे एक ड्रग एडिक्ट ने मारा।
17 जनवरी – नील आचार्य (22) पर्ड्यू विश्वविद्यालय में रहस्यमयी हालातों में मौत हुई।
18 जनवरी – अकुल धवन (21) अर्बाना-शैंपेन विश्वविद्यालय परिसर में मौत हुई। बार में एंट्री ना देने के चलते बाहर ही खड़े रहने से हाइपोथर्मिया से मौत हो गई।
23 जनवरी- समीर कामथ (25) संरक्षित क्षेत्र में इनका शव मिला, हालांकि मौत का कारण नहीं पता चल पाया।
31 जनवरी- श्रेयस रेड्डी (19) इनके छात्रावास के कमरे में शव मिला, मौत का करण अज्ञात है।
7 फरवरी- विवेक तनेजा (41) रेस्टोरेंट में इन पर हमला हुआ, जिसके बाद इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई।
6 फरवरी- जी. दिनेश और निकेश (20-20) कमरे में इनका शव मिला, कारण गैस रिसाव बताया गया।
16 मार्च- पारुचुरी अभिजीत (20) कार में इनका शव मिला, कारण अज्ञात है।
मौतों के कारण रहस्यमयी
आंकडो़ं से पता चलता है कि इन मौतों में (Indian students die in America) ज्यादातर की हत्याएं की हुई हैं। वहीं कुछ की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई है। तो कोई लापता हुआ और फिर उसका शव मिला। कनेक्टिकट से लेकर इंडियाना तक के राज्यों में पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार एक भारतवंशी प्रोफेशनल के अलावा, मारे गए सभी पुरुष-महिलाओं की उम्र 25 वर्ष और उससे कम थी। गौर करने की बात यह है कि इनके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं जिनमें भारतीय छात्रों पर हमले हुए, जिनमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे पारुचुरी अभिजीत
पारुचुरी अभिजीत (Paruchuri Abhijeet) आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले थे। वो बोस्टन विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। उनका शव 16 मार्च को एक जंगल में खड़ी कार में मिला था। उनके पिता परुचुरी चक्रधर और मां श्रीलक्ष्मी हैं। वो उनके इकलौते बेटे थे। उनकी मां नहीं चाहती थीं कि वो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाएं लेकिन बाद में उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए सहमत हो गईं थीं।