scriptइस देश में रहते हैं एक हजार से भी कम भारतीय,फिर भी भारत ने कर डाला डेढ़ मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश, जानें वजह | Indian foreign policy India invested one and a half million US dollars in Romania, know the reason | Patrika News
विदेश

इस देश में रहते हैं एक हजार से भी कम भारतीय,फिर भी भारत ने कर डाला डेढ़ मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश, जानें वजह

Indian foreign policy: भारत का रोमानिया के साथ सिकंदर महान के जमाने से पुराना रिश्ता है। वहां बहुत कम भारतीय रहते हैं, लेकिन भारतीय कंपनियां खूब सारी हैं और भारत ने दिल खोल कर निवेश किया है।

नई दिल्लीSep 18, 2024 / 05:48 pm

M I Zahir

India Roamnia relations

India Roamnia relations

Indian foreign policy: भारत और रोमानिया के बीच सदियों पुराने मजबूत रिश्ते हैं, जो भविष्य में और भी विकसित होने की संभावना रखते हैं। भारत और रोमानिया ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं, जिसमें कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, और विज्ञान और प्रौद्योगिकी शामिल हैं। रोमानिया में लगभग 1,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें से अधिकतर बुखारेस्ट और तिमिसोरा में हैं। रोमानिया में भारतीयों के बारे में जानने योग्य कुछ बातें यहां दी गई हैं। रोमानिया में भारतीय निवेश लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। रोमानिया में कुछ प्रमुख भारतीय कंपनियों में विप्रो, इन्फोसिस कन्सल्टिंग एसआरएल, टीसीएस, आर्सेलर-मित्तल एसए, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैब्स और अन्य शामिल हैं।

दोनों देशों में सीधा संपर्क कुछ सदियों पुराना

गौरतलब है कि भारत विदेशों के साथ संबंध मधुर बनाने को महत्व दे रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर देश के साथ मि​त्रतावत संबंध बनाने को अहमियत दे रहे हैं। रोमानिया और भारत 326 ईसा पूर्व में सिकंदर महान के साम्राज्य के समय से जुड़े हुए हैं। भारत और रोमानिया के बीच सीधा संपर्क कुछ सदियों पुराना है। जॉर्ज कोस्बुक का सन 1897 में प्रकाशित अभिज्ञानशाकुंतलम का रूपांतरण चर्चित रहा है। भारत और रोमानिया के बीच राजनयिक संबंध 14 दिसंबर 1948 को विरासत स्तर पर स्थापित किए गए थे, और 1957 में दूतावास स्तर पर अपग्रेड किए गए थे। रोमानिया ने 1955 में नई दिल्ली में एक दूतावास खोला, और भारत ने 1957 में बुखारेस्ट में एक दूतावास खोला। रोमानियाई प्रधान मंत्री मार्च 1958 में भारत का दौरा किया।

कई समझौतों पर हस्ताक्षर

दोनों देशों ने समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये संबंध राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में विकसित हुए हैं। भारत और रोमानिया नियमित रूप से कई बहुपक्षीय मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं और संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में मिलकर काम करते हैं। आज, रोमानिया के चेन्नई और कोलकाता में भी मानद वाणिज्य दूतावास हैं, और भारत के तिमिसोरा में मानद वाणिज्य दूतावास हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी इन संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें दोनों देशों की कला, साहित्य और शैक्षिक कार्यक्रमों का आदान-प्रदान होता है।

कई भारतीय कंपनियां रोमानिया में मौजूद

भारतीय और रोमानियाई सरकारों ने 1958 के मध्य में असम में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना की शर्तों पर चर्चा की है। सन 2011-12 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 727.27 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत ने रोमानिया को $269.54 मिलियन का निर्यात किया और रोमानिया से $457.73 मिलियन का माल आयात किया। 2013 में द्विपक्षीय व्यापार कुल $713 मिलियन था। रैनबैक्सी, गुजरात हेवी कैमिकल्स (जीएचसीएल), विप्रो, जेनपैक्ट और रेमंड्स जैसी कई भारतीय कंपनियां रोमानिया में मौजूद हैं।

भारत और रोमानिया पर संयुक्त डाक टिकट जारी

भारत की विदेश नी​ति विदेशों के साथ नया रिश्ता बनाने की रही है। भारत और रोमानिया के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्षों को चिह्नित करने वाला एक स्मारक संयुक्त डाक टिकट 17 सितंबर 2024 को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) उत्तर पूर्वी क्षेत्र के संचार और विकास मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया और महामहिम डेनिएला-मारियाना सेजोनोव साने और भारत में रोमानिया की राजदूत ने जारी किया। रोमानिया में क्लॉस इओहन्निस ( Klaus iohannis) राष्ट्रपति हैं और उन्होंने 21 दिसंबर, 2014 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। रोमानिया के राष्ट्रपति देश के प्रमुख होते हैं। गौरतलब है कि रोमानिया की संसद द्विसदनीय है और इसमें चैंबर ऑफ़ डेप्युटीज़ और सीनेट शामिल हैं। देश की राजधानी बुखारेस्ट में स्थित है।

Hindi News/ world / इस देश में रहते हैं एक हजार से भी कम भारतीय,फिर भी भारत ने कर डाला डेढ़ मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश, जानें वजह

ट्रेंडिंग वीडियो