चीन की चालों से लड़ने के लिए भारत जरूरी
रुबियो ने सीनेट में अमरीका-भारत रक्षा सहयोग अधिनियम पेश (US India Defense Cooperation Act) के बाद कहा, ‘कम्युनिस्ट चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने क्षेत्र का आक्रामक रूप से विस्तार कर रहा है, जबकि वह हमारे क्षेत्रीय साझेदारों की संप्रभुता और स्वायत्तता को बाधित करना चाहता है। इन दुर्भावनापूर्ण चालों का मुकाबला करने में अमेरिका का समर्थन जारी रखना महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करना होगा कि क्षेत्र के अन्य देशों के साथ-साथ भारत भी अकेला नहीं है।’
रूस से हथियार खरीदने पर मिलेगी छूट
कानून बनने पर, यह भारत को वर्तमान में भारतीय सेना द्वारा उपयोग किए जा रहे रूसी हथियारों की खरीद के लिए सीएएटीसीए प्रतिबंधों से सीमित छूट प्रदान करेगा। विधेयक में कहा गया है कि भारत को रक्षा सामग्री, रक्षा सेवाएं, डिजाइन और निर्माण सेवाएं तथा प्रमुख रक्षा उपकरण बेचने के लिए प्रस्ताव पत्रों के प्रमाणन पर शीघ्र विचार करना अमरीकी हितों के अनुरूप है। यह शांति और स्थिरता के हित में है कि भारत के पास खतरों को रोकने के लिए आवश्यक क्षमताएं हों।