शहबाज़ ने भी दी चेतावनी
इस्लामाबाद के डी-चौक पर आंदोलन में पूरी ताकत झोंकने के लिए पार्टी ने इसके पूर्व पंजाब सूबे में किए जाने वाले धरनों को रद्द कर दिया है। वहीं, शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की सरकार ने भी चेतावनी दी है, कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करती है, तो वह ‘पूरी ताकत’ का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोकेगी। पाकिस्तान में इसी हफ्ते एससीओ शिखर सम्मेलन होने वाला है, जहां भारत सहित विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के भाग लेने की उम्मीद है। भारत से विदेश मंत्री जयशंकर इस बैठक में भाग लेने जा रहे हैं।
10 हजार जवान तैनात, राजधानी में तीन दिन का अवकाश
पाकिस्तान सरकार ने एससीओ बैठक में इस्लामाबाद पहुंचने वाले लगभग 900 एससीओ प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए 10,000 से ज्यादा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया है। पूरे इस्लामाबाद के बॉर्डर सील कर दिए गए हैं और सैकड़ों लोगों को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। सरकार ने इस्लामाबाद में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना के जवानों को भी तैनात किया है। संघीय सरकार ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 14 अक्टूबर से राजधानी में तीन दिवसीय छुट्टी की भी घोषणा की है। वहीं, सुरक्षा कारणों से अधिकारियों ने इमरान खान के साथ सभी मुलाकातें रोक दी हैं, जो वर्तमान में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।
एससीओ में 26 से ज्यादा सदस्य
एससीओ में चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं। साथ ही 16 अन्य देश पर्यवेक्षक या वार्ता साझेदार के रूप में इससे जुड़े हैं।
पाकिस्तान ने जताई द्विपक्षीय वार्ता की इच्छा
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एससीओ के बैठक के बारे में बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री (शहबाज शरीफ) बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। बयान में कहा गया है कि शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के शासन प्रमुखों की परिषद की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए सात प्रधानमंत्री, एक उपराष्ट्रपति और एक विदेश मंत्री अगले सप्ताह इस्लामाबाद पहुंचेंगे।