हरियाणा सरकार भेजेगी 10,000 लोगों को इज़रायल
हरियाणा सरकार ने राज्य के 10,000 लोगों को इज़रायल भेजने का फैसला लिया है। इन लोगों को अंग्रेजी आना भी ज़रूरी नहीं है।
क्या है वजह?
इज़रायल और हमास के युद्ध के चलते इज़रायल से करीब 1 लाख फिलिस्तीनी मजदूरों को देश से वापस भेज दिया गया है। ऐसे में इज़रायली बिल्डर्स एसोसिएशन को नए मजदूरों की ज़रूरत है और वो चाहते हैं कि करीब 1 लाख भारतीय मजदूरों को काम करने के लिए वर्क परमिट दिया जाए। इज़रायल के बिल्डर्स एसोसिएशन ने 1 लाख भारतीय मजदूरों की ज़रूरत के बारे में देश के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) को भी जानकारी दी है और मांग की है कि उनकी ज़रूरत को जल्द पूरा किया जाए। ऐसे में इज़रायल के बिल्डर्स एसोसिएशन के अधिकारी भी भारत के संपर्क में हैं और इसी के तहत हरियाणा सरकार ने इसके लिए वैकेंसी भी निकाल दी है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने भर्ती निकालते हुए कहा है कि हरियाणा सरकार इज़रायल में 10,000र लोगों को नौकरी देना चाहती है।
क्या काम आना है ज़रुरुी?
हरियाणा सरकार जिन 10,000 लोगों को इज़रायल भेजेगी, उन्हें कामगारों के फ्रेमवर्क, शटरिंग, कारपेंटर और आयरन बेंडिंग, दीवारों और फर्श पर टाइल्स लगाने जैसे काम आना ज़रूरी है क्योंकि इज़रायल को कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की ज़रूरत है। ऐसे में इज़रायल भेजने से पहले हरियाणा सरकार की तरह से इच्छुक लोगों का इंटरव्यू भी लिया जाएगा।
नौकरी के लिए क्या है ज़रुरी न्यूनतम योग्यता?
हरियाणा सरकार ने इज़रायल भेजने के लिए लोगों के लिए वैकेंसी निकाली है, उसके लिए इच्छुक लोगों की उम्र 25 से 54 साल होनी ज़रूरी है और उन्हें कम से कम 10वीं क्लास पास होने भी ज़रुरी है। नौकरी पाने वाला व्यक्ति हरियाणा का निवासी होना चाहिए और उसके पास हरियाणा का ही पहचान पत्र होना ज़रूरी है।
कितनी मिलेगी सैलरी?
हरियाणा सरकार की तरफ से जिन-जिन लोगों को नौकरी के लिए इज़रायल भेजा जाएगा, उन्हें सैलरी के तौर पर प्रति महीने 6,100 निस (भारतीय करेंसी के अनुसार करीब 1 लाख 34 हज़ार रुपये) मिलेंगे। सैलरी सीधे काम करने वालों के बैंक अकाउंट में जमा होगा और तभी दिया जाएगा जब कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो जाएगा। इस दौरान इन लोगों को मिलने वाली राशि का ब्याज भी दिया जाएगा।