बनाया पहला वैश्विक भूजल तापमान मॉडल
जर्मनी के कार्सलरुहे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने ‘दुनिया का पहला वैश्विक भूजल तापमान मॉडल’ बनाते हुए यह भविष्यवाणी की है कि भूजल में सबसे ज्यादा तापमान वृद्धि (Global Warming) मध्य रूस, उत्तरी चीन और उत्तरी अमरीका (North America) के कुछ हिस्सों सहित दक्षिण अमरीका के अमेजन वर्षावन में हो सकती है। हालांकि, हालांकि इसका असर भारत, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के अधिकांश हिस्सों पर पड़ेगा। अध्ययन में अनुमान है कि पर्माफ्रॉस्ट क्षेत्रों को छोड़कर भूजल का तापमान अत्याधिक गर्म हो सकता है।
Global Warming के चलते वर्ष 2100 तक 58.8 करोड़ लोगों पर संकट
भूजल पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों और मिट्टी में मौजूद छिद्रों में पाया जाता है। पानी में गर्मी कैसे फैलती है, इस आधार पर शोधकर्ताओं ने मौजूदा भूजल तापमान का मॉडल बनाया और साथ ही दुनिया भर में 2000-2100 के बीच होने वाले बदलावों का भी अनुमान लगाया। स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि मध्य उत्सर्जन परिदृश्य में सदी के अंत तक दुनिया के 18.8 करोड़ लोग ऐसे क्षेत्रों में रहने को मजबूर होंगें, जहां भूजल इतना गर्म हो होगा कि वो पीने योग्य नहीं रह जाएगा। वहीं, यदि उच्च उत्सर्जन परिदृश्य में देखें तो यह आंकड़ा बढ़कर 58.8 करोड़ तक पहुंच सकता है।
भूजल दूषित होने से समस्याओं का अम्बार
शोध के अनुसार जलवायु परिवर्तन पर अब तक ज्यादातर ध्यान मौसम की घटनाओं और पानी की उपलब्धता पर दिया जाता रहा है, लेकिन यह भी विचार करने की जरूरत है कि जलवायु परिवर्तन का भूजल पर क्या प्रभाव पड़ता है, जो धरती पर जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं के मुताबिक भूजल के बढ़ते तापमान से पानी की रासायनिक संरचना और मौजूद धातुओं के साथ-साथ सूक्ष्म जीवों पर भी असर पड़ेगा। स्थानीय जलीय जीव प्रभावित हो सकते है। पेयजल दूषित होगा। उन समुदायों और उद्योगों के लिए भी समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो इन पारिस्थितिकी तंत्रों पर निर्भर हैं।
पानी गर्म होगा तो घटेगी ऑक्सीजन
सूखे मौसम में नदियां प्रवाह को बनाए रखने के लिए भूजल पर निर्भर करती हैं। लेकिन जब पानी बहुत गर्म हो जाता है तो उसमें ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। मछलियों जैसे जीवों के लिए जीवित रहना मुश्किल हो जाता है। वहीं, जैसे-जैसे भूजल का तापमान बढ़ता है, उसमें रोगाणुओं के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।