अमरीका और ब्रिटेन की सख्ती, इजरायल पड़ा नरम
छह महीने बाद अब दुनिया भर के देशों की चिंता यह है कि युद्ध को कैसे खत्म किया जाए, कैसे इसको आगे फैलने से रोका जाए और इस क्षेत्र का भविष्य क्या हो। इस पर कोई सर्वमान्य योजना बनते नहीं दिख रही है। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन की ओर से इजरायल को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि अगर इजरायल की गाजा में सैन्य कार्रवाई के दौरान आम नागरिक मरते रहे तो अमरीका को अपनी नीति बदलना होगा। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने भी हर हाल में युद्ध को समाप्त किए जाने का आह्वान किया है। इसका कुछ असर भी होता दिख रहा है। दक्षिण गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी हुई है है, सिर्फ एक ब्रिगेड को ही वहां पर रोका गया है। सेना की वापसी को रविवार से शुरू हुई युद्धविराम वार्ता से जोड़ा जा रहा है।
काहिरा में फिर शुरू हुई युद्धविराम वार्ता
मिस्त्र और कतर की मध्यस्थता में मिस्र की राजधानी काहिरा में गाजा में युद्धविराम के सिलसिले में रविवार को फिर से वार्ता शुरू हो गई है। इजरायल का प्रतिनिधिमंडल भी वार्ता में शरीक हो रहा है। वार्ता का मुद्दा 40 इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले में छह हफ्ते का युद्धविराम है, लेकिन एक इजरायली बंधक के बदले में फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़े जाने की संख्या अभी तय नहीं हो पाई है।
युद्ध अपडेट
– प्रतिनिधि सभी की पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी समेत अमरीका के 40 डेमोक्रेट सांसदों ने कहा है कि बाइडन सरकार इजरायल को हथियार बेचना बंद करे।
– इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव हमास पर बनाया जाना चाहिए, न कि इजरायल पर।
– राजधानी तेल अवीव में हमास की कैद से बंधकों को छुड़ाने के लिए इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के विरोध में भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
– इजरायल को उस समय युद्ध में तगड़ा झटका लगा जब कुछ हमास लड़ाकों ने इजरायली सेना पर गोलियों की बौछार
कर दी। इससे चार इजरायली सैनिकों की मौत हो गई।
-सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद ईरान की बदले की कार्रवाई की धमकियों के बीच इजरायली रक्षा मंत्री ने कहा है कि वह ईरान के हर कदम का जवाब देने के लिए तैयार हैं।