टेक्स्ट उपकरण के जरिये हमले
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी ब्लास्ट मोबाइल के बजाय पेजर्स (एसएमएस टेक्स्ट जैसा संदेश भेजने वाला उपकरण) के जरिये किए गए हैं।
लीथियम बैटरी (lithium batteries)का इस्तेमाल
लेबनान से अब तक की सूचना के अनुसार लेबनान में मंगलवार को हमलावरों ने पेजर को टैस्क्स्ट मैसेज से जोड कर लीथियम बैटरी (lithium batteries) के माध्यम से हमला किया और जैसे ही बैटरी गर्म हुई, वैसे ही हमला हो गया। इस तरह एक ही समय में कई पेजर में एक साथ धमाके हुए और चारों तरफ हाहाकार मच गया।
लिथियम-आयन बैटरी से हमला
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार लीथियम बहुत माइनर बैटरी होती है। लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने का एक और आम कारण उच्च तापमान के संपर्क में आना है। इन बैटरियों को एक विशिष्ट तापमान सीमा के भीतर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है यदि वे बहुत अधिक गर्म हो जाती हैं, तो वे अस्थिर हो सकती हैं, थर्मल रनवे की ओर ले जा सकती हैं, विस्फोटक गैसें पैदा कर सकती हैं या आग पकड़ सकती हैं।
इजराइली एजेंसी मोसाद पर शक
इधर एक सूचना सामने आई है,जिसके अनुसार हमले के लिए मोसाद पर शक किया गया है और उसका नाम सामने आ रहा है। ध्यान रहे कि मोसाद (Mossad), इज़राइल की खुफिया एजेन्सी है, जिसकी स्थापना खुफिया संग्रह, गुप्त आपरेशन, और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए की गई थी। सबसे अधिक जख्मी हिजबुल्लाह के सदस्य
जानकारी के अनुसार इस हमले के घायलों में बड़ी संख्या लेबनान के
आतंकी संगठन हिजबुल्लाह (Hezbollah)के सदस्यों की है। इसके चलते हमले के पीछे इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad)का हाथ होने का दावा किया जा रहा है। अगर हिजबुल्लाह (Hezbollah) ने हमला किया होता तो उसके इतने सारे सदस्य जख्मी नहीं होते।