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यूरोपियन एजेंसी का अलर्टः 12 माह का तापमान 1.5 डिग्री सीमा के पार, रेकॉर्ड गर्मी से साल की शुरुआत

वर्ष 2024 की शुरुआत रिकॉर्ड गर्मी के साथ हुई है। जनवरी 2024 अब तक की सबसे गर्म जनवरी रही है। इतना ही नहीं, दुनिया में पहली बार एक साल का औसत तापमान पिछले किन्हीं भी बारह महीनों के औसत तापमान से 1.50 डिग्री (2.7 डिग्री फेरेनाइट) ज्यादा दर्ज किया गया है।

Feb 08, 2024 / 10:30 pm

Swatantra Jain

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वर्ष 2024 की शुरुआत रिकॉर्ड गर्मी के साथ हुई है। जनवरी 2024 अब तक की सबसे गर्म जनवरी रही है। इतना ही नहीं, दुनिया में पहली बार एक साल का औसत तापमान पिछले किन्हीं भी बारह महीनों के औसत तापमान से 1.50 डिग्री (2.7 डिग्री फेरेनाइट) ज्यादा दर्ज किया गया है। जिसे दुनियाभर के वैज्ञानिक ‘मानवता के लिए चेतावनी’ मानते हैं।
पिछले बारह महीनों (फरवरी 2023 से जनवरी 2024 तक) में दुनिया का औसत वैश्विक तापमान अब तक का सबसे अधिक दर्ज किया गया है। यूरोपियन यूनियन की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने यह जानकारी दी है। एजेंसी के अनुसार, पिछले बारह महीनों में दुनिया का औसत तापमान 1991-2020 के औसत तापमान से 0.64°C अधिक और 1850-1900 काल के पूर्व-औद्योगिक औसत तामपान से 1.52°C अधिक दर्ज किया गया है। मानव इतिहास में यह एक साल का सबसे अधिक औसत तापमान है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि मानवीय गतिविधियां जैसे तेल, गैस, कोयला जैसे जीवश्म ईंधन को जलाने और वन क्षेत्र के कम होने के कारण ही दुनिया का तापमान बढ़ने के मुख्य कारण हैं।

पेरिस जलवायु समझौते के उल्लंघन की ओर
वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया ने अभी भी 1.5 डिग्री तापमान बढ़ोतरी के उस खतरनाक स्तर को स्थाई रूप से पार नहीं किया है, जिसकी चेतावनी पेरिस जलवायु समझौते में दी गई है। समझौते में तापमान बढ़ोतरी का यह स्तर एक दशक की अवधि में मापा जाता है। गौरतलब है कि 2015 में 200 देशों की सरकारों ने जीवश्म ईधन (पेट्रोल-डीजल-कोयला) के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बाहर करते हुए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
सबसे गर्म जनवरी
जनवरी के दौरान औसत हवा का तापमान 13.14 डिग्री सेल्सियस था, जो 1991 से 2020 तक जनवरी के औसत से 0.70 डिग्री सेल्सियस अधिक है। यह पिछली सबसे गर्म जनवरी की तुलना में 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था, जो 2020 में था। एजेंसी के अनुसार, यह लगातार आठवां महीना है, जबकि औसत मासिक तापमान रेकॉर्ड स्तर पर दर्ज किया जा रहा है। एजेंसी के अनुसार, फरवरी माह भी रेकॉर्ड गर्म होने की ओर बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि तापमान में यह बढ़ोतरी तब दर्ज की गई है, जबकि दुनिया पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह को गर्म करने वाले अल नीनो मौसमीय बदलाव से गुजर रही है।
फैक्टशीट
– 2024 जनवरी का तापमान 1850-1900 के जनवरी माह के औसत तापमान से 1.66 डिग्री अधिक है।
– अंटार्कटिक सागर में बर्फ का विस्तार जनवरी के लिए औसत से 18 फीसदी कम रहा, लेकिन यह 2023 की जनवरी से अधिक था।
अभी भी नहीं हुई देर
वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी भी दुनिया के बढ़ते तापमान को सीमित किया जा सकता है, अगर हम जल्द ही ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को पर काबू पा सकें। पर, तथ्य ये है कि ग्रीन हाउस गैसों का वैश्विक उत्सर्जन अभी भी बढ़ रहा है। साथ ही, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए हम जितना अधिक समय तक इंतजार करेंगे, इसे अनुकूलित करना उतना ही कठिन होता जाएगा।

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