बाइडेन के खास माने जाते हैं युनूस
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री और नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस (Muhammad Yunus) को जो बाइडेन-डेमोक्रेटिक पार्टी का करीबी माना जाता है। बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया था मोहम्मद युनूस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने में अमेरिका का बाइडेन सरकार का हाथ भी रहा है। अमेरिका में कई सालों तक अपनी सेवाएं दे चुके मोहम्मद युनूस को अब ये डर सता रहा है कि ट्रंप के आने से कहीं बांग्लादेश में फिर से सत्ता परिवर्तन ना हो जाए और शेख हसीना को ट्रंप वापस ना ले आएं।
ट्रंप की जीत पर क्या बोलीं थीं शेख हसीना?
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की तरफ से उन्हें बधाई दी गई थी। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया गया कि “बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्ष शेख़ हसीना ने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर बधाई दी है। ट्रंप की शानदार चुनावी जीत उनके नेतृत्व और अमेरिकी लोगों का उनमें जो भरोसा है, उसका प्रमाण है। शेख़ हसीना ने प्रधानमंत्री के तौर पर उन मुलाक़ातों और बातचीत को बहुत खुशी से याद किया है जो उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप के साथ की थीं। वे उम्मीद करती हैं कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में बांग्लादेश और अमेरिका के बीच दोस्ताना और द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।” शेख हसीना की पार्टी की तरफ से किए गए इस पोस्ट में हसीना की फोटो भी पोस्ट की गई थी़। इस बयान से साफ है कि हसीना ने ट्रंप के साथ अपने पुराने कार्यकाल को याद कर ये कहने की कोशिश की है, बांग्लादेश में जो अस्थिरता आई है उसे ट्रंप दूर सकते हैं।
ट्रंप को पसंद नहीं करते युनूस
बांग्लादेश के अंतरिम पीएम मोहम्मद युनूस बाइडेन और डेमोक्रेट्स के करीब रहे हैं, वो रिपब्लिकन और ट्रंप को जरा भी पंसद नहीं करते। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला जब 2016 में ट्रंप ने पहली बार राष्ट्रपति चुनाव जीता था। तब मोहम्मद युनूस ने बयान दिया था कि डोनाल्ड ट्रंप की ये जीत ब्लैक डे और ग्रहण की तरह है। ऐसे में इन अटकलों को अब काफी हवा लग रही है कि ट्रंप के आने के बाद जल्द ही बांग्लादेश में भी सत्ता परिवर्तन हो जाए और शेख हसीना भारत से वापस बांग्लादेश चली जाएं।