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ट्रंप ने ट्रांसजेंडर लोगों को खेलों, स्कूल-कॉलेजों से बाहर निकालने का किया ऐलान, शपथ लेते ही होगा फैसला  

Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे ट्रांसजेंडर्स को महिला टीमों से बाहर निकालेंगे। ट्रंप ने कहा कि वे सिर्फ दो लिंगों, पुरुष और महिला की पहचान करने की आधिकारिक नीति बनाएंगे।

नई दिल्लीJan 20, 2025 / 01:41 pm

Jyoti Sharma

Donald Trump exclude transgender athletes from women team

Donald Trump exclude transgender athletes from women team

Donald Trump: कुछ घंटों में अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण की पूर्व संध्या पर भाषण देकर पूरी अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हल्ला मचा दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने इस भाषण में राष्ट्रपति (US President) बनने के बाद सबसे पहले जो काम किए जाएंगे उसके बारे में संकेत दिए हैं। अप्रवासियों (Immigrants) को अमेरिका से बाहर निकाले जाने के साथ ही उन्होंने ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को महिलाओं की टीम से बाहर निकालने को कह दिया है। सिर्फ इतना ही उन्होंने ट्रांसजेंडर्स (Transgender) को स्कूल-कॉलेजों से बाहर निकालने के आदेश पर फैसला लेने का ऐलान कर दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को शपथ ग्रहण की पूर्व संध्या पर (स्थानीय समय) दिए गए भाषण (Donald Trump rally on eve of inauguration) में कहा कि एक बार राष्ट्रपति बनने के बाद वे “महिलाओं के खेलों से पुरुषों को दूर रखने” के लिए कार्रवाई करेंगे। वे ट्रांसजेंडर्स को महिला टीमों से बाहर निकालेंगे। ट्रंप ने कहा कि वे सिर्फ दो लिंगों, पुरुष और महिला की पहचान करने की आधिकारिक नीति बनाएंगे।

ये लिए जाएंगे बड़े फैसले

ट्रंप ने कहा कि “शपथ लेने के बाद पहले ही दिन मैं ट्रांसजेंडर पागलपन को रोकने जा रहा हूं। मैं बाल यौन उत्पीड़न को खत्म करने समाप्त करने, ट्रांसजेंडर को सेना से और हमारे प्राथमिक स्कूलों, माध्यमिक शिक्षा वाले स्कूलों यहां तक कि हायर एजूकेशन देने वाले कॉलेजों से भी बाहर निकालने के लिए कार्यकारी आदेशों पर साइन करेंगे। 

14 जनवरी को विधेयक हुआ था पारित

बता दें कि बीती 14 जनवरी को, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक विधेयक पारित किया था। इसे “खेलों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा अधिनियम” कहा जाता है। ये अधिनियम उन स्कूलों को फंड देना रोक देता हैं जहां पर महिलाओं के खेलों में ट्रांसजेंडर हिस्सा लेते हैं। इस विधेयक को सदन में पारित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने तर्क दिया था कि इस विधेयक का उद्देश्य खेलों में निष्पक्षता को बढ़ावा देना और महिला छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, क्योंकि ट्रांसजेंडर एथलीट जैविक रूप से श्रेष्ठ होते हैं।

अमेरिका में ट्रांसजेंडर ‘इंसान’ नहीं बल्कि एक बड़ा ‘मुद्दा’

गौरतलब है कि हाल के सालों में अमेरिका में ट्रांसजेंडर अधिकार एक राजनीतिक मुद्दा बन गया हैं। नवंबर के चुनाव में सभी स्तरों पर रिपब्लिकन ने इस मुद्दे पर अभियान चलाया था, जिसमें स्कूली खेलों में भाग लेने वाली ट्रांसजेंडर महिलाओं पर फोकस किया गया था। ट्रम्प ने अपने अभियान के दौरान महिला-पुरुष जांच की नीति और ट्रांसजेंडर खेलों में भागीदारी को पूरी तरह बैन करने का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार चुनावी मंचों से कहा है कि अमेरिका में सिर्फ ही दो ही जेंडर रहने चाहिए, महिला और पुरुष, तीसरा कोई नहीं। 

अमेरिका में क्या है ट्रांसजेंडर्स के क्या है अधिकार

दरअसल अमेरिका में ट्रांसजेंडर्स और LGBTQ+ कम्यूनिटी हाशिए पर है। क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार इस समुदाय के लोगों को अमेरिका से बाहर चले जाने को कहा है। उनका कहना है कि वे अमेरिका में सिर्फ महिला और पुरुषों को ही देखना चाहते हैं। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि डेमोक्रेट्स (जो बाइडेन की पार्टी) ने कैदियों और अवैध विदेशियों के लिए करदाताओं के खर्चे से लिंग परिवर्तन का समर्थन किया है। ट्रंप ने डेमोक्रेट्स पर बच्चों पर ‘ट्रांसजेंडर पंथ’ थोपने का भी आरोप लगाया है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के मुताबिक ये विचारधारा देश को बर्बाद कर सकती है। ट्रांसजेंडर मुद्दों और आलोचनात्मक नस्ल सिद्धांत के लिए एजूकेशन सिस्टम का खुलापन ऐसी ही विनाशकारी नीतियों का हिस्सा है। 

अमेरिका में ही अलग-अलग अधिकार

बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका में ट्रांसजेंडर अधिकार अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हैं। अमेरिका के संघीय कानून ने ट्रांसजेंडर्स को कुछ अधिकार दे रखे हैं। जैसे-

1- 1964 का नागरिक अधिकार अधिनियम ट्रांसजेंडर लोगों को लिंग पहचान के आधार पर रोजगार भेदभाव से बचाता है।
2- समानता अधिनियम, जिसे 2019 में प्रतिनिधि सभा ने पारित किया गया था जो लिंग पहचान के आधार पर व्यापक भेदभाव-विरोधी सुरक्षा देता है। 

राज्यों का कानून

अमेरिका के ज्यादातर राज्य सार्वजनिक रोजगार में ट्रांसजेंडर्स के प्रति भेदभाव पर रोक लगाते हैं और घर खरीदने और लिंग परिवर्तन मेडिकल ट्रीटमेंट में भेदभाव पर रोक लगाते हैं। वहीं कुछ राज्यों ने ऐसे कानून पारित किए हैं जो ट्रांसजेंडर लोगों को उनकी लिंग पहचान से मेल खाने वाले पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से रोकते हैं। 

क्या है समस्या?

दरअसल अमेरिका में कोई व्यापक संघीय गैर-भेदभाव कानून नहीं है जिसमें लिंग पहचान शामिल हो। कुछ राज्यों ने ऐसे कानून पारित किए हैं जो धार्मिक विश्वासों के आधार पर LGBTQ+ लोगों के खिलाफ भेदभाव की अनुमति देते हैं। इस पर कुछ ट्रांसजेंडर लोगों ने प्रस्तावित कानून की आलोचना की है, जिसके तहत ट्रांसजेंडर के तौर पर मान्यता लेने के लिए उन्हें सरकार के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। एलन मस्क की बेटी (ट्रांस, पहले लड़का, अब लिंग बदलवाकर लड़की) विवियन जेना विल्सन ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के जीतने से अमेरिका (USA) में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ जाएगी। ऐसे में ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद अमेरिका में उन्हें अपना कोई भविष्य नहीं दिख रहा इसलिए अब वो अमेरिका में नहीं रहेंगी।

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