बेहद गंभीर है चीनी नागरिकों की हालत
कराची पुलिस और अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि दो चीनी नागरिकों को गोली मारी गई है। दोनों को कराची (Karachi) के लियाकत नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, इनमें से एक ही हालत बहुत ज्य़ादा गंभीर है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन की तरफ से अभी नहीं दी गई है। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये आतंकी हमला बलूच लिबरेशन आर्मी यानी BLA ने किया है। क्योंकि ये आतंकी समूह ही चीनी नागरिकों को अधिकारियों पर लगातार अटैक कर रहा है।
चीन ने कहा सुनिश्चित हो सुरक्षा
पाकिस्तान के चीन के राजदूत जियांग जैदोंग ने इस आतंकी हमले की निंदा की और पाकिस्तान सरकार से चीन के नागरिकों और अधिकरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कहा। उन्होंने ये भी कहा कि वो समझते हैं कि ये आतंकी हमला CPEC के विरोध में किया गया है। लेकिन इसके डर से वो CPEC को प्राथमिकता को दरकिनार नहीं कर सकते। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके नागरिकों की सुरक्षा पर इसी तरह खतरा मंडराता रहा तो इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया जा सकेगा।
BLA कर रही है CPEC विरोध
बलूच लिबरेशन आर्मी यानी BLA लगातार CPEC प्रोजेक्ट यानी China Pakistan Economic Corridor (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) का विरोध कर रहा है। BLA का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए चीन और पाकिस्तान के अधिकारी लगातार बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा का दोहन कर राज्य का शोषण कर रहे हैं और बलूचिस्तान को जरा भी फायदा तक नहीं देते। इसलिए वो इस प्रोजेक्ट से जुड़े कर्मियों और नागरिकों पर लगातार आतंकी हमले करते हैं।
खैबर पख्तूनख्वा में 5 चीनी इंजीनियरों की हत्या
मार्च 2024 में आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा में चीन-पाकिस्तान के संयुक्त प्रोजेक्ट हाइड्रोपॉवर प्लांट पर चीनी नागरिकों की वैन को विस्फोटक से उड़ा दिया था। इसमें 5 चीनी नागरिकों समेत एक पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हो गई थी। फिर इसके बाद बीते महिने ही कराची एयरपोर्ट पर विस्फोट कर 7 विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी थी जिसमें दो चीनी नागरिक भी शामिल थे।
क्या है CPEC प्रोजेक्ट?
CPEC चीन और पाकिस्तान के बीच एक प्रमुख ढांचागत संरचना है। इसे चीन की बेल्ट एंड रोट इनिशिएटिव यानी BRI का हिस्सा माना जाता है। जिसका भारत हमेशा से विरोध करता आया है, क्योंकि इस CPEC का एक हिस्सा PoK से होकर जा रहा है। इसे चीन और पाकिस्तान ने मिलकर तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट का मेन लक्ष्य चीन के काशगर से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक एक गलियारा बनाना है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसका मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यावसायिक योजनाओं को तैयार करना है।