मस्जिद के गुंबद और मीनारें अब उसमें नहीं
‘द गार्जियन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों के चीनीकरण अभियान के तहत अब चीन की आखिरी प्रमुख मस्जिद से भी अरबी शैली की वास्तुकला खत्म कर दी गई है। मस्जिद के गुंबद और मीनारें अब उसमें नहीं हैं, उसकी जगह चीनी वास्तुकला की छत निर्मित कर दी गई है।आधे चांद और हरी टाइल्स का भी स्वरूप बदला
मस्जिद के ऊपर लगे आधे चांद और हरी टाइल्स का भी स्वरूप बदल दिया गया है। जिस मस्जिद की यहां बात की जा रही है ,उसे शादियान की मस्जिद कहा जाता है, जो चीन की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में विख्यात रही है। यही चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत के एक छोटे से शहर में स्थित है।इस्लामी विशेषताओं को हटा दिया
गौरतलब है कि शादियान से 100 मील से भी कम दूरी पर स्थित युन्नान की अन्य ऐतिहासिक मस्जिद नाजियायिंग से भी हाल ही में नवीकरण के नाम पर इसकी इस्लामी विशेषताओं को हटा दिया गया था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मुठभेड़ भी हुई थी।21000 वर्गमीटर में फैली है शादियान की मस्जिद
पिछले साल तक शादियान की ग्रैंड मस्जिद 21,000 वर्ग मीटर में फैली एक बड़ी, भव्य और ऐतिहासिक इमारत हुआ करती थी, जिसके शीर्ष पर एक टाइल वाला अर्धचंद्र से सुशोभित हरा गुंबद था। बड़े गुंबद के दोनों ओर चार लंबी मीनारें और दो छोटे गुंबद थे। मस्जिद की नई तस्वीरों में गुंबद को हान चीनी शैली के पैगोडा छत से बदला दिखाया गया है। इसके अलावा मीनारों की ऊंचाई भी कम कर दी गई है और उन्हें पगोडा टावरों में बदल दिया गया है।खत्म की 2300 में से 75 फीसदी मस्जिदों की पहचान
दरअसल, चीनी सरकार ने 2018 में ‘इस्लाम के चीनीकरण’ पर एक पंचवर्षीय योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य विदेशी वास्तुकला शैली का विरोध करना और चीनी विशेषता वाली इस्लामिक वास्तुकला को बढ़ावा देना है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक मेमो में स्थानीय अधिकारियों से धार्मिक स्थलों के लिए ‘कम निर्माण करने और अधिक गिराने के सिद्धांत का पालन करने’ के लिए कहा गया था। ध्यान रहे कि फाइनेंशियल टाइम्स की ओर से पिछले साल प्रकाशित एक विश्लेषण में पाया गया था कि 2018 के बाद से चीन भर में 2,300 से अधिक मस्जिदों में से तीन-चौथाई को या तो संशोधित या नष्ट कर दिया गया है।गांवों में अब विरोध करना मुश्किल
इन दो ऐतिहासिक मस्जिदों में हुए बदलाव अभियान की सफलता का प्रतीक है। अगर गांवों में अरब शैली की छोटी मस्जिदें बची भी हैं तो स्थानीय समुदायों के लिए उनके चीनीकरण का विरोध करना मुश्किल होगा। दरअसल, मस्जिद के चीनीकरण अभियान को प्रांत दर प्रांत” आगे बढ़ाया गया। इसमें युन्नान राजधानी से सबसे दूर का प्रांत था।रुस्लान युसुपोव
मानवविज्ञानी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी