पिता की मौत, जान बचाने के लिए शव को छोड़ना पड़ा इस कार्यक्रम का आयोजन आज यानी 23 फरवरी को न्यूयॉर्क में किया जा रहा है। इन बच्चों में यूक्रेन (Ukraine) की 14 वर्ष की किरा और 11 साल की इल्या शामिल हैं। ये दोनों बच्चे यूक्रेन के मारियुपोल (Mariupol) के रहने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये बच्चे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में युद्ध के दौरान झेले गए मंजर को सुनाएंगे। एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में इन बच्चों में से एक किरा ने बताया कि वो अपनी स्कूल बस का इंतजार कर रही थी, तभी उसने भीषण विस्फोट की आवाज सुनी, एक के बाद एक धमाकों से वो सहम गई और यहां-वहां छिपते-छिपाते वो लगभग एक महीने तक घर से दूर रही। बच्ची का कहना है कि रूस की तरफ से मारियुपोल में हुए इस हमले में उसके पिता की जान चली गई और बच्ची को उसके पिता का शव वहीं छोड़ना पड़ा।
आंखों के सामने ही उजड़ गया परिवार दूसरी बच्ची इल्या बताती है कि वो और उसकी मां अपनी जान बचाने के लिए मारियुपोल में इधर-उधर भागते रहे। रूसी हमले में उनका घर जमींदोज़ हो गया। उनके सामने ही उनका पूरा परिवार और पूरी दुनिया उजड़ गई। बता दें कि ये बच्चे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पहले अपना संबोधन देंगे और फिर वाशिंगटन का भी दौरा करेंगे।