अत्यधिक उच्च तापमान का अनुभव
ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) का असर हर जगह नजर आ रहा है। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) भी इससे अछूता नहीं है। पाकिस्तान में पड़ रही तेज गर्मी से लोगों के जिस्म जल रहे हैं और इस देश की हीट वेव (Heat waves) से भारत भी झुलस रहा है। भारत और पाकिस्तान दोनों प्री-मानसून (Pre-Monsoon) अवधि में नियमित रूप से खासकर मई में अत्यधिक उच्च तापमान का अनुभव करते हैं। दोनों देशों में लू चलती है, लेकिन यह आम है।हीटवेव की संभावना और तीव्रता बदली
भारत, पाकिस्तान, नीदरलैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों ने यह आकलन करने के लिए सहयोग किया कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने किस हद तक हीटवेव की संभावना और तीव्रता को बदल दिया है।हीटवेव भारत के तटीय और पूर्वी हिस्सों तक पहुंची
भारत के उत्तर पश्चिम और पाकिस्तान के दक्षिणी हिस्सों, जिसे उपमहाद्वीप की रोटी की टोकरी कहा जाता है, को शुरुआती और लंबी गर्मी ने विशेष रूप से प्रभावित किया है। अप्रैल के अंत और मई में हीटवेव भारत के अधिक तटीय क्षेत्रों और पूर्वी हिस्सों तक भी पहुंच गई है। हालाँकि, यह शुरुआती, लंबी और शुष्क गर्मी थी जिसने इस घटना को इस सदी की शुरुआत में होने वाली हीटवेव से अलग कर दिया।लू और उमस भरी गर्मी का तनाव
डब्लूएमओ के मुताबिक भारत और पाकिस्तान में अत्यधिक गर्मी बदलती जलवायु में हमारी अपेक्षा के अनुरूप है। हीटवेव अधिक बार और अधिक तीव्र होती हैं और पहले की तुलना में पहले शुरू होती हैं। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल ने अपनी छठी मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा कि इस सदी में दक्षिण एशिया में लू और उमस भरी गर्मी का तनाव अधिक तीव्र और बार-बार होगा।हीटवेव का व्यापक प्रभाव
जानकारों के अनुसार हीटवेव का न केवल मानव स्वास्थ्य पर, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र, कृषि, जल और ऊर्जा आपूर्ति और अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों पर भी कई और व्यापक प्रभाव पड़ता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने समाज के लिए जोखिमों को रेखांकित किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि बहु-खतरे की पूर्व चेतावनी सेवाएं सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचें।काफी वृद्धि होने का अनुमान
भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने हाल ही में भारत में जलवायु परिवर्तन के बारे में एक ओपन-एक्सेस प्रकाशन जारी किया है। इसमें तापमान परिवर्तन पर एक पूरा अध्याय समर्पित किया गया है। इक्कीसवीं सदी (उच्च आत्मविश्वास) के दौरान भारत में प्री-मॉनसून सीज़न हीटवेव आवृत्ति, अवधि, तीव्रता और क्षेत्रीय कवरेज में काफी वृद्धि होने का अनुमान है।ताप स्वास्थ्य कार्य योजनाएँ
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास सफल गर्मी-स्वास्थ्य प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ और कार्य योजनाएँ हैं, जिनमें विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के लिए तैयार की गई प्रणालियाँ और कार्य योजनाएँ भी शामिल हैं। हीट एक्शन प्लान गर्मी से होने वाली मृत्यु दर कम करते हैं और अत्यधिक गर्मी के सामाजिक प्रभावों को कम करते हैं, जिसमें कार्य उत्पादकता में कमी भी शामिल है।गर्मी वाले हॉटस्पॉट की पहचान
रेड क्रॉस रेड क्रिसेंट सोसाइटी और इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट (आईआरएडीई) जैसे नागरिक समाज भी कमजोर समुदायों के लिए जीवनरक्षक संचार और हस्तक्षेप तैनात करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सबसे पहले शहर के गर्मी वाले हॉटस्पॉट की पहचान करता है, इन इलाकों में संवेदनशील आबादी का पता लगाता है, और अत्यधिक गर्मी के प्रति उनकी संवेदनशीलता की प्रकृति और स्थिति का आकलन करता है। कार्य योजनाओं ने अतिरिक्त मृत्यु दर को कम करने में काफी मदद की है।सिन्ध के रास्ते भारत में गर्मी
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एक ओर पाकिस्तान के दक्षिण हिस्से में बने प्रति चक्रवाती तंत्र के कारण सिंध प्रांत कई शहरों में पारा 45 से 48 डिग्री है। शहीद बेनजीरबाद और दादू में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया है। यही हवाएं पाकिस्तान के सिन्ध के रास्ते बाड़मेर-जैसलमेर होते हुए भारत के राजस्थान में घुस रही हैं। दुनिया भर के सर्वाधिक गर्म स्थानों में गिने जाने वाले पाकिस्तान के सिन्ध प्रदेश् से आ रही गर्म हवा की लपटों में भारत का राजस्थान भी झुलस रहा है।पाकिस्तान में उल्टी घूम रही हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिमी राजस्थान से लगते पाकिस्तान के ऊपर इन दिनों प्रति चक्रवाती तंत्र बना हुआ है जिससे हवा उल्टी दिशा में घूम कर धरती को गर्म कर रही है। हवा की दिशा पश्चिमी और दक्षिणी पश्चिमी बनी हुई है जिससे पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सीधी गर्म हवा राजस्थान में प्रवेश कर पारा चढ़ा रही है।