उन्हें जेल भेज दिया गया
इससे पहले चिन्मय कृष्णदास प्रभु की जमानत याचिका खारिज होने के बाद मंगलवार को उन्हें जेल भेज दिया गया। कोर्ट के बाहर जेल वैन से
चिन्मय कृष्णदास प्रभु ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम ‘एकजुट बांग्लादेश’ चाहते हैं। दास ने शांति बनाए रखने और अपने लोगों को लड़ाई जारी रखने की अपील की। उन्होंने बंगाली में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम संतानों का कर्तव्य है कि देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। शांति हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखें। उनके बयान के बाद, सैकड़ों समर्थकों ने ‘न्याय दो’ और ‘चिन्मय दास को रिहा करो’ जैसे नारे लगाते हुए सुनाई दिए। इस दौरान पुलिस ने लोगों पर जमकर लाठियां बरसाईं। इसमें 26 लोग घायल हो गए। कई की हालत गंभीर है।
हिंदुओं के समर्थन में रैली की थी
गौरतलब है कि चिन्मय कृष्णदास प्रभु ने 22 नवंबर को बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदुओं के समर्थन में रैली की थी। माना जा रहा है कि इसी वजह से उन्हें 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के कार्यवाहक महासचिव मनिंद्र कुमार नाथ ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हत्या, छेड़छाड़ और अपहरण सहित हमलों की 2,010 घटनाएं दर्ज की गईं। इससे 1,705 परिवार प्रभावित हुए। भारत ने भारत ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर जताई चिंता
भारत ने चिन्मय कृष्णदास प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों पर हमले करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें पेश करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं।
कृष्णदास की गिरफ्तारी के विरोध में बंगाल में प्रदर्शन
चिन्मय कृष्णदास प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चिन्मय प्रभु की रिहाई और केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। भाजपा विधानसभा परिसर में जुलूस निकाला।