स्थाई प्रवासियों की संख्या 35 हजार बढ़ाई
कनाडा और जर्मनी जैसे देशों से कुशल श्रमिकों को आकर्षित करने में प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल सितंबर के महीने में भी कर्मचारियों की व्यापक कमी से जूझ रहे व्यवसायों की मदद करने के लिए कुछ जरूरी उठाए थे। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में स्थायी प्रवासियों की संख्या बढ़ाकर 195,000 कर दी। पहले ये संख्या 1 लाख 60 हजार थी, इसमें पहले के मुकाबले 35,000 की बढ़ोतरी की गई है।
तीन बड़े परिवर्तन, तीन नई रणनीतियां
1. परिवर्तनः अस्थायी कुशल श्रमिक भी ऑस्ट्रेलिया में बस सकेंगे
आस्ट्रेलिया की अप्रवासी नीति में जो दो बड़े बदलाव किए गए हैं, उनमें पहला ये है कि 1 जुलाई से अस्थायी कुशल प्रवासन की शुरुआती आय सीमा 53,900 आस्ट्रेलियन डॉलर से 70,000 डॉलर कर दी जाएगी। ये सीमा 2013 से नहीं बदली गई थी और इस कारण अस्थाई कुशल श्रमिकों का शोषण हो रहा था।
दूसरा परिवर्तन ये किया गया है कि 2023 के अंत तक, सभी अस्थायी कुशल श्रमिक वीजा होल्डरों के सामने आस्ट्रेलिया में स्थायी निवास के लिए आवदेन का रास्ता खुल जाएगा। तीसरा, ऑस्ट्रेलिया की गृहमंत्री ने कहा कि, वीजा की मौजूदा सैकड़ों श्रेणियों को कम करते हुए आसान बनाया जाएगा।
2. रणनीतिः कम वेतन वाले सेक्टर में अधिक कर्मियों की जरूरत
इसको अमल में लाने के लिए तीन सूत्रीय रणनीति बनाई गई है।सबसे पहले एक अत्यधिक कुशल लोगों की टीम को कम समय में काम करने का लक्ष्य दिया जाएगा। 2. इमिग्रेशन नीति को आस्ट्रेलिया में नौकरियों तथा जरूरतों के उपलब्ध आंकड़ों से जोड़ते हुए व्यावहारिक पहलुओं पर जोर दिया जाएगा। 3. कम वेतन वाले देखभाल क्षेत्र में कर्मियों की गहराती जा रही कमी को दूर करने के उपाए किए जाएंगे।
3. नए कदमः कुशलता की सूची में जुड़ेंगे नए क्षेत्र
आस्ट्रेलिया की इमिग्रेशन प्रणाली की समीक्षा में पाया गया है कि फिलहाल 18 लाख प्रवासी कामगरों को स्थाई रूप से अस्थाई बनाकर छोड़ दिया है। इस नीति को बदला जाएगा। नियोक्ताओं के कुशलता की सूची में नए क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा। वर्तमान कुशलता सूची आज की जरूरतों को रेखांकित नहीं करती है।
अब देखभाल करने वाले पेशों को कौशल की श्रेणी में जोड़ा जाएगा तथा परिजनों के वीजा की लंबी इंतजार सीमा को कम किया जाएगा। इमिग्रेशन नीति की समीक्षा करने वाले पैनल के मुखिया मार्टिन पार्किंसन के अनुसार इमिग्रेशन सिस्टम अब तक वह काम नहीं कर रहा है जो उसे करना चाहिए था। पैनल ने सरकार को 38 नीतिगत सुधार के कदम बताए हैं।