script5 और 6 मई को रात में आसमान में आंखे गड़ाकर बैठिए, नोट कर लीजिए टाइम, कहीं मिस ना हो जाए ये अद्भुत खगोलीय घटना | Astronomical phenomenon of Eta Aquarids will take place in the sky on 5th and 6th May | Patrika News
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5 और 6 मई को रात में आसमान में आंखे गड़ाकर बैठिए, नोट कर लीजिए टाइम, कहीं मिस ना हो जाए ये अद्भुत खगोलीय घटना

आसमान में होने वाली इस खगोलीय घटना को सीधे आंखों से भी देखा जा सकता है। इस नजारे को ‘एटा एक्वेरिड्स’ कहते हैं। ये घटना 4 मई से शुरू हो चुकी है जो अब 5 और 6 मई के बीच दिखाई देगी। इस घटना में एक के बाद तारे टूटेंगे, जिससे आसमान में एक अनोखी आतिशबाज़ी दिखाई देगी। खास बात ये है कि इस दौरान इन टूटते तारों की रफ्तार 7,57,344 किमी प्रति घंटा होगी।

नई दिल्लीMay 05, 2024 / 12:59 pm

Jyoti Sharma

Astronomical phenomenon of Eta Aquarids will take place in the sky on 5th and 6th May

Astronomical phenomenon of Eta Aquarids will take place in the sky on 5th and 6th May

5 और 6 मई को आसमान में एक के बाद एक टूटते तारों की आतिशबाजी होने वाली है। ये घटना हर साल होती है जो 19 अप्रैल से 28 मई के बीच घटित होती है। इस घटना में उल्काओं की बारिश होती है लेकिन इस बार हो रही इस घटना को हम सीधे आंखों से देख सकते हैं। खास बात ये है कि ये नजारा 20 साल बाद अब देखने को मिल रहा है। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कहा है कि उल्काओं की बारिश शुरू हो चुकी है। 4 से 6 मई के बीच यह पीक पर होगी यानी 5 और 6 को भी ये घटना आसमान में दिखाई देगी। जिसे आप सीधे आखों से रात में देख सकते हैं। 

5 मई को रात 8.43 बजे पीक पर होगा उल्कापात 

अमेरिकन मीटियोर सोसायटी का कहना है एटा एक्वेरिड्स उल्कापात का पीक टाइम पांच मई को रात 8:43 बजे होगा। इसे 5 और 6 मई को सुबह होने से कुछ घंटों पहले देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए बायनॉकुलर्स और टेलीस्कोप का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। नासा के मुताबिक उल्कापात दक्षिणी गोलार्ध में सबसे साफ नजर आएगा। भूमध्य रेखा के उत्तर में भी यह देखा जा सकता है। 

सीधे आंखों से देखी जा सकती है ये घटना

नासा (NASA) के वैज्ञानिकों के मुताबिक यह उल्कापात हैली धूमकेतु से जुड़ा है। इसे ‘एटा एक्वेरिड्स’ कहा जाता है। आसमान में 4 से 6 मई के बीच हर मिनट एक उल्कापात नजर आएगा। 4 मई निकल चुकी है लेकिन आप इसे 5 और 6 को भी देख सकते हैं। इस दौरान उल्काओं की रफ्तार करीब 7,57,344 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। आतिशबाजी इतनी चमकीली होगी कि इसे सीधे आंखों से देखा जा सकेगा। एटा एक्वेरिड्स का अगला विस्फोट 2046 में होगा। इस उल्कापात में जो उल्काएं (टूटते तारे) दिखाई देती हैं, वे हैली धूमकेतु से सैकड़ों साल पहले अलग हो गई थीं। इस धूमकेतु की कक्षा पृथ्वी के इतने करीब से नहीं गुजरती कि पृथ्वी पर उल्कापात हो सके। 

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