हिंदू महिलाओं के पहने जाने वाले गहनों से भी कंपनी को समस्या
अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी राउटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक फॉक्सकॉन (Foxconn) की तमिलनाड़ु स्थित कंपनी एस. पॉल नाम के एक पूर्व HR एक्जिक्यूटिव ने कहा कि फॉक्सकॉन के अधिकारियों ने नियुक्ति एजेंसियों को ऐसे दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसमें महिलाओं की गर्भावस्था, पारिवारिक जिम्मेदारियां और विवाहित हिंदू महिलाओं के पहने जाने वाले पारंपरिक गहनों पर भी प्रतिबंध लगाया है। कंपनी का कहना है कि ये महिलाएं जो गहने पहनती हैं उनसे उनकी प्रोडक्टिविटी में असर पड़ता है। क्योंकि इनसे काम करने में समस्या होती है।रिपोर्ट के मुताबिक ये कंपनी इन महिलाओं को तब नौकरी पर रखती है जब कंपनी में कर्मचारियों की कमी हो और उस वक्त प्रोडक्टिवटी हाई हो।
रिपोर्ट आने के बाद Foxconn ने किया खंडन
वहीं इन आरोपों को लेकर फॉक्सकॉन ने भी जवाब दिया है। कंपनी का कहना है कि वो वैवाहिक स्थिति, लिंग, धर्म या किसी दूसरी बात के आधार पर महिलाओं को नौकरी देने के भेदभाव के आरोपों का खंडन करता है। कंपनी ने कहा कि वर्तमान ने उसकी कंपनी में 25% विवाहित महिलाओं काम कर रही हैं। साथ ही अगर वो काम करते वक्त कुछ पारंपरिक गहने पहनती हैं तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
पहले भी कंपनी को इन अजीबोगरीब नियमों से झेलना पड़ा है विरोध
बता दें कि पहली बार नहीं है कि फॉक्सकॉन की इन नौकरी के लिए बने नियमों को को भारी जांच का सामना करना पड़ा है। इससे पहले साल 2010 में इसके चीन के दो प्लांट में लगातार कर्मचारियों की आत्महत्या के सिलसिले ने भी कंपनी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था। वहीं एक दूसरी एप्पल की सप्लायर कंपनी विस्ट्रॉन कॉर्प पर साल 2020 में भारत के कर्नाटक में कर्मचारियों ने अजीब नियमों का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि भारत ऐप्पल के विनिर्माण के लिए एक केंद्र बिंदु बन गया है और दिसंबर की एक रिपोर्ट ये बताती है कि ये टेक दिग्गज अगले दो से तीन सालों के भीतर सालाना सभी आईफोन के लगभग एक चौथाई को असेंबल करने के लिए देश में अपने आईफोन विनिर्माण का विस्तार करना चाहता है। फॉक्सकॉन भारत में भी विस्तार करने के लिए तैयार है, जिसका एक प्लांट इस साल बेंगलुरु में खुलने वाला है।