scriptबांग्लादेश से अमरीका तक छाई भुखमरी, 21 फीसदी माता-पिता ने स्वीकारा उनके बच्चे महीने में कई बार रहे भूखे | 21 percent parents excepted that his child slept empty stomach poverty | Patrika News
विदेश

बांग्लादेश से अमरीका तक छाई भुखमरी, 21 फीसदी माता-पिता ने स्वीकारा उनके बच्चे महीने में कई बार रहे भूखे

Poverty is on peak in the world: हाल ही में 16 देशों में एक सर्वे कराया गया जिसमें पाया गया कि महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत के चलते बच्चों को महीने में कई बार भूखे सोने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस सर्वे में दुनिया के सुपरपावर से लेकर संपन्नत देश तक शामिल किए गए। उनकी हालत बांग्लादेश के मुकाबले कुछ खास अच्छी नहीं पाई गई। आइए पढ़ते हैं कि नई रिपोर्ट में और क्या है?

Nov 13, 2023 / 09:07 am

स्वतंत्र मिश्र

world_poverty.jpg

New Report on world poverty: वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल की ओर से 16 देशों में किए गए एक नई इप्सोस स्टडी ने खुलासा किया है कि महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत दुनियाभर में भुखमरी बढ़ा रही है। वैश्विक सर्वे में 21 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि उनके बच्चे पिछले 30 दिनों में कुछ बार भूखे पेट सोए। दस में से चार (37%) अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों को दैनिक आधार पर आवश्यक उचित पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं। इसके अलावा, लगभग आधे (46%) वयस्कों का कहना है कि वे पिछले 30 दिनों में भोजन खरीदने के लिए पैसे जुटाने को लेकर चिंतित रहे। यह आंकड़ा कम आय वाले देशों में बढ़कर 77% हो गया।

अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की हालत खराब

16 में से 11 देशों में मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ी हुई लागत बच्चों की भूख का सबसे आम कारण थी जो बांग्लादेश में 70% के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। लेकिन कनाडा (68%), ऑस्ट्रेलिया (66%) और ब्रिटेन (66%) जैसे धनी देशों में भी ऊंची कीमतों का गहरा असर है। अमरीका में, 18% उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके घर में पिछले दिनों किसी एक बच्चे को भूखा ही सोना पड़ा।

14 हजार लोगों से ली राय

इप्सोस द्वारा आयोजित सर्वेक्षण में सभी आय स्तरों के 14,000 से अधिक लोगों से राय ली गई। 16 देशों में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, जापान, मैक्सिको, पेरू, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और अमरीका शामिल हैं जहां इप्सोस ने प्रत्येक देश में लगभग 1,000 वयस्कों का सर्वेक्षण किया। चाड, कांगो, इराक और मलावी में, प्रत्येक देश में लगभग 500 लोगों को शामिल किया गया।

बच्चों की बदहाली के बड़े कारण

महंगाई – 55 फीसदी

बेपरवाह सरकार – 37 फीसदी

भ्रष्टाचार – 28 फीसदी

बच्चों की खुशहाली पर बड़ी चिंता

गरीबी – 21 फीसदी

भुखमरी – 18 फीसदी

स्वास्थ्य – 13 फीसदी

सबको सताती है भूख

भूख एक वैश्विक समस्या है और और यह किसी एक देश या दुनिया के किसी हिस्से तक सीमित नहीं है। – एंड्रयू मोरेली, डायरेक्ट, वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल

यह भी पढ़ें –
कोलंबिया जंक फूड लॉ बनाने वाला दुनिया का पहला देश बना, जानिए क्यों बनाना पड़ा ऐसा कानून?

Hindi News/ world / बांग्लादेश से अमरीका तक छाई भुखमरी, 21 फीसदी माता-पिता ने स्वीकारा उनके बच्चे महीने में कई बार रहे भूखे

ट्रेंडिंग वीडियो