2013-2018 में रिकॉर्ड पलायन
पाकिस्तानी प्रवासन पैटर्न का अवलोकन ने ये रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि साल 2008 से इन 17 सालों में 1 करोड़ लोग पाकिस्तान (Pakistan) छोड़कर विदेश में रहने चले गए। जिसमें सबसे ज्यादा लोग नवाज शरीफ के कार्यकाल में 2013 से 2018 तक गए। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने पल्स कंसल्टेंट की इस रिपोर्ट का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 17 सालों में कुल 95,56,507 लोग पाकिस्तान से पलायन कर गए। इस प्रवास की लहर का चरम 2015 में देखा गया था, जब 9,00,000 से ज्यादा लोगों ने नौकरी की तलाश में पाकिस्तान छोड़ दिया था। हालांकि, 2018 तक यह संख्या 60 प्रतिशत तक कम हो गई, और केवल लगभग 3,00,000 लोग ही नौकरी की तलाश में प्रवास कर रहे थे। कोविड-19 महामारी ने प्रवासन के रुझान को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 और 2023 में प्रवासियों की संख्या बढ़कर करीब 8,00,000 हो गई है।
इमरान खान के कार्यकाल में बढ़े थे अकुशल श्रमिक
2022 से ही स्किल्ड लोगों के प्रवास का अनुपात 5 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जबकि पिछली दर 2 प्रतिशत थी। पिछले दो वर्षों में देश छोड़ने वालों में से अधिकांश ब्लू-कॉलर वर्कर और श्रमिक वर्ग रहे हैं, जिनमें से 46 प्रतिशत अकुशल श्रमिक हैं, जो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के यानी पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद इमरान खान के कार्यकाल के दौरान 41 प्रतिशत से ज्यादा है।
अरब देशों में जा रहे हैं ज्यादातर पाकिस्तानी
पाकिस्तान के लोग पारंपरिक तौर पर सऊदी अरब, UAE, ओमान और कतर नौकरी के लिए जा रहे हैं। हालांकि UAE में पाकिस्तानी श्रमिकों की संख्या में तेज गिरावट देखी गई, जबकि सऊदी अरब में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।