scriptPCOS नहीं बनेगा मां बनने में रुकावट, जानिए PCOS क्या है? | PCOS will not become a hindrance in becoming a mother, what is PCOS | Patrika News
महिला स्वास्थ्य

PCOS नहीं बनेगा मां बनने में रुकावट, जानिए PCOS क्या है?

PCOS की समस्या अब महिलाओं में आम बात हो गई है। संतान पैदा करने वाली उम्र की लगभग 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (polycystic ovarian syndrome) से प्रभावित होती हैं।

Oct 11, 2023 / 06:15 pm

Manoj Kumar

polycystic ovarian syndrome (PCOS)

What is polycystic ovarian syndrome (PCOS)

PCOS की समस्या अब महिलाओं में आम बात हो गई है। संतान पैदा करने वाली उम्र की लगभग 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) से प्रभावित होती हैं। बढ़ते तनाव, खराब जीवनशैली व मोटापे से महिलाओं की प्रजनन आयु कम होती जा रही है और वे पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से ग्रसित होने लगी हैं। यह एक महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन की अधिकता के कारण होता है। पीसीओएस में महिलाओं के अंडाशय (Ovary) पर सिस्ट बन जाती है।
यह भी पढ़ें

दिल पर भारी पड़ती है विटामिन डी की कमी, 40 की उम्र के बाद संभल जाएं नहीं तो

PCOS क्या है?
यदि महिलाओं में हार्मोन असंतुलित हो जाएं या सामान्य से ज्यादा बनने लगे तो अंडाशय में गांठें बनने लगती है जिसे PCOS (polycystic ovarian syndrome) कहते हैं। इसका प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव पड़ता है और यह हृदय के साथ-साथ शरीर की रक्त शर्करा की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। यह गर्भधारण की कोशिश कर रही महिलाओं में कठिनाइयों का कारण बन सकता है और इसे नि:संतानता के सामान्य कारणों में से एक माना जाता है।
प्रमुख लक्षण
यह स्थिति पीरियड्स देरी से आने और कुछ शारीरिक परिवर्तनों के कारण बनती है।
अनियमित माहवारी, माहवारी न होना, बांझपन, मां ना बन पाना, मुंहासे, मोटापा, बार-बार मूड में बदलाव होना, मुंह पर ज्यादा बाल होना, नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत होना आदि।
यह भी पढ़ें

Breathing Method : क्या है 4-7-8 ब्रीदिंग मेथड, तनावपूर्ण स्थितियों में कैसे अपनी नसों को शांत करें

बांझपन का इलाज infertility treatment
PCOS के कारण बांझपन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है, जिसे आधुनिक तकनीकों जैसे कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) को अपनाकर दूर किया जा सकता है। आईवीएफ में अंडे को सर्जरी से महिला की ओवरी से अलग करके प्रयोगशाला में पुरुष के शुक्राणुओं के साथ मिलान कराया जाता है। इसके बाद भू्रण को महिला के गर्भाशय में रखते हैं, प्राकृतिक तरीके से विकसित होने पर महिला मातृत्व सुख पा सकती हैं।
डॉ.रिचा शर्मा, बॉर्न हॉल क्लिनिक, गुडग़ांव
यह भी पढ़ें

Foods To Increase Eyesight : आंखों की रोशनी बढ़ाते है ये 7 फूड्स, आज से ही खाना शुरू कर दीजिए

यह गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है?

– PCOS के बावजूद गर्भधारण करने वाली महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए। क्योंकि ऐसी महिलाओं में गर्भपात (Miscarriage) होने की संभावना कई गुना अधिक होती है। मधुमेह और समय से पहले प्रसव कुछ पीसीओएस के दुष्प्रभाव हैं जो गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं। डॉक्टर की ओर से गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए गर्भावस्था के दौरान मेटफॉर्मिन जारी रखने की सिफारिश की जा सकती है।
-PCOS के साथ गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम की आवश्यकता होती है। हल्का व्यायाम शरीर के इंसुलिन के उपयोग को बढ़ावा देगा, हार्मोनल संतुलन बनाएगा और वजन को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा। वॉकिंग और माइल्ड स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को महिलाओं के लिए सबसे अच्छा व्यायाम माना गया है, जो उन्हें आशावादी बनाए रखता है। पीसीओएस के साथ गर्भवती होने पर आहार का भी महत्व है। प्रोटीन और फाइबर का अधिक सेवन गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
– PCOS के साथ ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में सिजेरियन सेक्शन डिलीवरी की जाती है।

– PCOS के साथ गर्भवती होना असंभव नहीं है, लेकिन गर्भ धारण करना बहुत मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पीसीओएस वाली महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होता है जो सामान्य ओव्यूलेशन और पीरियड्स को डिस्टर्ब कर सकता है। अंडे की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

Hindi News / Health / Women Health / PCOS नहीं बनेगा मां बनने में रुकावट, जानिए PCOS क्या है?

ट्रेंडिंग वीडियो