कोरोना वायरस से पीड़ितों का इलाज करने वाले डॉक्टर इतनी बार धोते हैं अपने हाथ
दरअसल, ये जगह भारत के पड़ोसी देश तिब्बत में मौजूद है। ये एक स्पूत है जिसे तिब्बती लोग चोरटेन कांग नग्यी (Chorten Kang Nagy) के नाम से जानते हैं। जिसका मतलब होता है दो पैर वाले स्तूप। हिंदू मान्यता अनुसार, इस स्पूत को मृत्यु के देवता यमराज के घर (Mysterious Gate Yam Dwar) का प्रवेश द्वार माना जाता है। यही वजह है लोग इसे यम द्वार’ (Yam Dwar) यानी ‘यमराज के घर का प्रवेश द्वार’ (Yamraj lives in this stupa) कहते हैं। यम द्वार तिब्बत के गांव दारचेन से 15 किलोमीटर की दूरी पर करीब 15,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह प्रवेश द्वार कैलाश पर्वत के रास्ते में पड़ता है।इस ग्रह पर होती है ‘लोहे की बारिश’, दिन में तापमान होता है 2400 डिग्री सेल्सियस
यम द्वार पर तिब्बती लोग अपने शरीर से बाल नोंच कर अर्पित करते हैं। यहां के लोगों का मानना है बात त्यगना शरीर-त्यागने के बराबर है। वहीं बौद्ध लामा यहां आकर अपने प्राण त्यागते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष मिल सके । उनका मानना है कि यम द्वार पर प्राण त्यागने से सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।वहीं कुछ लोग का कहना है कि यमराज के दरवाजे पर भी भूतों का बसेरा है जो राहगीरों को मार देते हैं।