घर के बच्चे किंग के साथ ऐसे खेला करते थे जैसे वह उनका ही छोटा भाई हो। एक बार लियो ने किंग को ज़ू को देने की सोची लेकिन उसने जाने से इंकार कर दिया। किंग को Berberov परिवार की आदत हो गई थी। जल्दी ही किंग के लिए फिल्म में काम करने के ऑफर आने लगे। सब कुछ अच्छा जा रहा था Berberov परिवार फिल्मों में आने लगा था। अब हर कोई इस परिवार को जानने लगा था। किंग ने प्यार के साथ-साथ उन्हें शोहरत भी दिलाई। एक दिन सेंट पीटर्सबर्ग सिटी में Berberov परिवार एक फिल्म की शूटिंग करने गया था। वह दिन उनकी ज़िंदगी का सबसे भयानक दिन था। अलेक्जेंडर नाम के एक पुलिसवाले ने किंग को खतरनाक समझकर उसपर गोली चला दी। पूरा परिवार गम में डूब गया। किंग अब इस दुनिया में नहीं था।
कई दिनों तक घर में सन्नाटा पसरा रहा। इसके बाद Berberov परिवार ने एक और शेर गोद लेने की सोची और उसे किंग 2 का नाम दिया। किंग 2 के साथ-साथ इस परिवार ने एक माउंटेन लायन को भी गोद लिया जिसे लाला नाम दिया। कुछ समय बीता लेकिन लाला और किंग 2 का वो रिश्ता Berberov परिवार से कायम नहीं हो पाया जैसा किंग का था। दोनों केवल लियो की ही बात माना करते थे, लेकिन 1978 में लियो को दिल का दौरा पड़ा और वह Berberov परिवार को इन दोनों के साथ अकेला छोड़कर चले गए। लियो के मरने के बाद उनकी पत्नी नीना कुछ दिनों से सोच ही रही थीं कि दोनों शेरों को ज़ू के हवाले कर दें लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।
1980 की उस शाम नीना को लाला की ज़ोर से घुर्राने की आवाज़ें आ रही थीं। उन्होंने जाकर देखा तो कोई शराबी लाला को पत्थर मार रह था। नीना ने उसे भगाया और अंदर चली गईं। लेकिन शेर अभी भी परेशान था। तभी एक औरत वहां से गुज़री उसपर परेशान और गुस्से से भरी लाला ने हमला बोल दिया। उसे बचाने के चक्कर में एक 14 साल के बच्चे को कुर्बानी देनी पड़ी। यह बच्चा कोई और नहीं रोमा था नीना का बेटा। हादसे को देखने वालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आते ही किंग 2 और लाला को गोली मार दी। पति और बेटे को अपने सामने मरते देखने वाली नीना लाला और किंग 2 को इस बात का दोषी नहीं मानतीं, लेकिन उनके जाने का गम उन्हें हमेशा खलता रहा।