क्यों इतनी महंगी होती है व्हेल की उल्टी
वाकई यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर व्हेल की उल्टी इतनी महंगी क्यों होती है। बता दें कि व्हेल की उल्टी निकलने के बाद एक पत्थर का रूप लेती हैं और इसमें से बेहद शानदार खुशबू आती हैं। इसका इस्तेमाल के दुनिया के बेहद महंगे परफ्यूम बनाने में किया जाता है। लोग व्हेल की उल्टी पाने के लिए लंबा इंतजार करते रहते हैं। क्योंकि अगर किसी को व्हेल की उल्टी का यह पत्थर मिल गया तो वह रातोंरात करोड़पति बन जाता है।
वैज्ञानिक नाम एम्बरग्रीस
व्हेल के शरीर से निकलने वाले इस अपशिष्ट को कई वैज्ञानिक उल्टी बताते हैं तो कई इसे मल कहते हैं। यह व्हेल की आंतों से निकलता है, क्योंकि वह इसे पचा नहीं पाती है। कई बार यह पदार्थ रेक्टम के जरिए बाहर आता है, लेकिन कभी—कभी पदार्थ बड़ा होने पर व्हेल इसे मुंह से उगल देती है। वैज्ञानिक भाषा में इसे एम्बरग्रीस कहते हैं।
लंबे समय तक रहती हैं सुगंध
व्हेल की उल्टी से बनाए इत्र में लंबे समय तक सुगंध रहती है। इसी वजह से वैज्ञानिक एम्बरग्रीस को तैरता सोना भी कहते हैं। इसका वजन 15 ग्राम से 50 किलो तक हो सकता है। इसका इस्तेमाल इत्र और अन्य सुगंधित पदार्थ बनाने में किया जाता है। प्रीचन मिस्त्र में लोग एम्बरग्रीस से अगरबत्ती और धूप बनाया करते थे। वहीं आधुनिक मिस्त्र में एम्बरग्रीस का उपयोग सिगरेट को सुगंधित बनाने के लिए किया जाता है। प्राचीन चीनी इस पदार्थ को ड्रैगन की थूकी हुई सुगंध भी कहते हैं।
इलाज में भी होता है इस्तेमाल
कहा जाता है कि पहले यूरोप के लोगों का मानना था कि एम्बरग्रीस का एक टुकड़ा लेने जाने से उन्हें प्लेग जैसी बीमारी रोकने में मदद मिलती थी। इस पदार्थ का इस्तेमाल भोजन का स्वाद बढ़ाने और कुछ देशों में शारीरिक पावर बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। इतना नहीं यूरोप के लोग एम्बरग्रीस का इस्तेमाल सिरदर्द, सर्दी, मिर्गी और अन्य बीमारियों के लिए दवा के रूप में करते थे।