अब जरा सोचिए कि ठंडी वादियों में, प्रकृति का नजारा लेते हुए अगर हाथ में चाय की प्याली तो शायद ही इससे अच्छी कोई और अनुभूति हो। वैसे तो गली-मुहल्ले, नुकक्कड़, सड़क के किनारे लगे हुए टी स्टॉल को हम सभी ने देखा है लेकिन आज हम आपको एक बहुत ही चर्चित और अनोखी चाय के दुकान के बारे में बताएंगे जिसके बारे में जानकर आप खुद को वहां जाने से नहीं रोक पाएंगे।
इस चाय के दुकान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये देश की आखिरी टी स्टॉल है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह दुकान भारत और चीन की सीमा के पास स्थित है। इस दुकान के आगे किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। इसलिए इसे अंतिम दुकान कहा जाता है।
उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित ये दुकान साल में केवल 6 महीने के लिए खुलती है। चारधाम के कपाट बंद होने के साथ ही ये दुकान भी बंद हो जाती है।
यहां 6 महीने भारी बर्फबारी के चलते चारधाम के कपाट बंद हो जाते हैं जिससे उस दौरान यहां पर्यटकों का आना-जाना भी बंद रहता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि पहाड़ों में काफी चढ़ाई करनी होती है। इस दौरान राहगीर काफी थक जाते हैं। लोगों की इस परेशानी और अपनी आर्थिक मजबूरी के चलते साल 1981 में दिलबर सिंह और उनके भाई ने मिलकर इस दुकान की शुरूआत की।
इससे आने-जाने वाले लोग दुकान में कुछ देर रूककर आगे की यात्रा करते हैं। दिलबर सिंह के इस दुकान में चाय की कई सारी वरायटी मिलती हैं जैसे कि तुलसी टी, हर्बल टी और घी चाय यहां की खासियत है।
अपनी इन्हीं खूबियों के चलते चाय के इस दुकान की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ने लगी। ये टी स्टॉल इस हद तक फेमस है कि कुछ लोग तो महज इसे देखने और यहां फोटो खिंचाने के लिए यहां आते हैं।