भारतीय रेलवे इस नैरो गेज वाले ट्रैक का इस्तेमाल करने के लिए हर साल 1.20 करोड़ रुपए की रॉयल्टी ब्रिटेन की एक प्राइवेट कंपनी को सौंपती है। इस ट्रैक से केवल एक ही ट्रेन गुजरती है और वह है शकुंतला एक्सप्रेस पैसेंजर। महाराष्ट्र के अमरावती से मुर्तजापुर के बीच चलने वाली यह ट्रेन 189 किमी का सफर 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूरा करती है।
बता दें, भारत सरकार द्वारा इस रेल ट्रैक को खरीदने के कई प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से यह संभव नहीं हो सका। जिसके चलते आज भी इस पर ब्रिटेन की कंपनी का कब्जा है। ब्रिटेन की यह कंपनी ही इसकी देखरेख का पूरा काम संभालती है।
हालांकि यह बस कहने की बात है क्योंकि हर साल पैसा देने के बावजूद यह ट्रैक बहुत जर्जर होता जा रहा है। इस बारे में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पिछले 60 सालों से इस ट्रैक की मरम्मत तक नहीं है।
यह बहुत ही जोखिम भरा है क्योंकि 7 कोच वाली शकुंतला एक्सप्रेस इसी ट्रैक से गुजरती है और इसमें हर रोज एक हजार से भी ज्यादा लोग सफर करते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि अंग्रेजों ने इस ट्रैक का निर्माण अमरावती से कपास मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए करवाया था। साल 2014 में पहली बार और अप्रैल 2016 में दूसरी बार इसे बंद करा दिया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों की मांग के चलते इसे दोबारा शुरू किया गया।