सुनने की क्षमता पर पड़ा प्रतिकूल असर
मकड़ी निकलने के बाद लूसी के कान से खून बह रहा था। उसकी सुनने की क्षमता कम हो गई। डॉक्टर ने उसे एक हफ्ते के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं दीं। फिर भी दर्द महसूस होता रहा तो वह अस्पताल पहुंची। वहां जांच में पता चला कि कान में मकड़ी का काला जाला है। डॉक्टरों ने जाला निकालकर कान की सफाई कर दी।
‘प्रसव पीड़ा से भी ज्यादा कष्टकारी’
डॉक्टरों ने बताया कि कान में कीड़े चले जाने के मामले आम हैं लेकिन यह मामला अनोखा है क्योंकि कान में मकड़ी ने जाला बना रखा था। जाला निकलने के बाद लूसी ने कहा, कान की सफाई मेरे लिए प्रसव पीड़ा से भी ज्यादा कष्टकारी रही। अब मैं लोगों को कानों की नियमित सफाई के लिए जागरूक करूंगी।
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