साल 1928 में ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के किसी एक संवाददाता ने लिखा कि ली चिंग के पड़ोस में रहने वाले कई वृद्ध व्यक्तियों का ऐसा कहना था कि जब उनके दादा बच्चे थे, उस दौरान उनके दादा ली चिंग से परिचित थे। इससे कुछ हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है कि ली चिंग कितने पुराने जमाने के थे।
साल 1930 में ‘न्यूयार्क टाइम्स’ में फिर से एक बार इससे संबंधित एक और खबर प्रकाशित की जिसमें लिखा गया था कि चीन में स्थित चेंगडू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वू चुंग-चीएह ने 1827 में ली चिंग को उनकी 150वीं सालगिरह और साल 1877 में उनकी 200वीं सालगिरह के मौके पर बधाइयां दी थी।
पेशे से ली चिंग चाइनीज हर्बलिस्ट, मार्शल आर्टिस्ट और सलाहकार थे और शायद इन्हीं चीजों की वजह से वह काफी लंबे समय तक स्वस्थ रुप से जीवित रहे। मात्र 10 साल की उम्र से ही ली चिंग हर्बल मेडिसिन का व्यापार करने लगे थे। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि 71 साल की उम्र में भी मार्शल आर्ट्स ट्रेनर के तौर पर ली चिंग चीन की सेना में शामिल थे। लोगों का तो यह भी कहना है कि ली चिंग ने अपने जीवनकाल में 24 शादियां की थीं और उनके 200 से अधिक बच्चे थे।
उनकी लंबी उम्र के राज के बारे में यह कहा जाता है कि वह कई तरह की जड़ी-बूटियों का सेवन किया करते थे। इसके साथ ही चावल से बनी शराब भी पीते थे। उनकी जिंदगी के कुछ मूल मंत्र थे जिनके अनुसार, वह पर्याप्त मात्रा में नींद लेते थे। नियमित व्यायाम करते थे, संतुलित आहार लेते थे, अपने दिल को शांत रखते थे। तन और मन की शांति ही उनकी लंबी उम्र का राज थी।