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नई दिल्ली

सुबह-दोपहर-शाम सिर्फ Maggi ही खिलाती थी पत्नि, परेशान होकर पति ने दिया तलाक

एक पति ने अपनी पत्नी से तलाक इसलिए ले लिया क्योंकि उसकी पत्नी को खाना नहीं बनाना आता था। वो सुबह नाश्ते में, दोपहर के भोजन में और रात के डिनर में मैग्गी ही बनाती थी। पति रोज मैग्गी खा-खा कर परेशान हो गया और तलाक ले लिया।

नई दिल्लीMay 30, 2022 / 11:35 pm

Archana Keshri

सुबह-दोपहर-शाम सिर्फ मैगी ही खिलाती थी पत्नि, परेशान होकर पति ने दिया तलाक

सुबह-दोपहर-शाम सिर्फ मैगी ही खिलाती थी पत्नि, परेशान होकर पति ने दिया तलाक

शादी के बाद पति-पत्नी के बीच नोंकझोक आम बात है। इनके बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होता रहता है। लेकिन कभी-कभी कुछ बाते ऐसी भी होती हैं जिसे नज़रअंदाज किया दिया जाए, तो रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन कई बार बात बिगड़ने पर तलाक की नौबत आ जाती है। कई बार तो मामला गंभीर और संगीन होता है तो कई बार ऐसा होता होता है कि छोटी सी बात पर भी लोग तलाक ले लेते हैं। कर्नाटक के बेल्लारी में भी ऐसा ही केस सामने आया, जब पति ने पत्नी को इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वो खाने के नाम पर सिर्फ मैगी पकाना जानती थी।
दो मिनट में पक जाने वाली और भूख मिटाने वाली इस मैग्गी के बारे में आपने तमाम अच्छी बातें सुनी होगी। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि ये मैग्गी किसी दिन तलाक का कारण बन जाएगी। ये बात सुनकर आपको अटपटा लग रहा होगा लेकिन ये खबर पक्की है। और ये मामला विदेश का नहीं अपने ही देश से यानी मैसूर का है।
इस दिलचस्प कहानी को मैसूर के सत्र न्यायालय में न्यायधीश रहे एमएल रघुनाथ ने एक इंटरव्यू में बताया। उन्होंने कहा कि जब वह बल्लारी में जिला न्यायाधीश थे, तब उनके पास एक अजीबो-गरीब मामला आया था। एक शख्स को उसकी पत्नी के सिर्फ मैगी बनाने से परेशानी थी। न्यायधीश एमएल रघुनाथ ने इस केस का नाम मैग्गी केस रखा था।
न्यायाधीश ने बताया कि दंपत्ति को इस आधार पर तलाक दे दिया, जिसमे पत्नी को केवल मैगी बनानी आती थी। पति जब भी नाश्ता या खाना मांगता, पत्नी मैगी उबालकर दे देती। सुबह मैगी, दोपहर मैगी, रात को मैगी… मैगी खा खाकर पति परेशान हो गया और उसने अदालत में तलाक के लिए अर्जी दे दी। अब आपसी सहमति से दोनों का तलाक हो चुका है। पति की पीड़ा सुनकर अदालत ने भी दोनों पति पत्नी की आपसी सहमति से तलाक की याचिका को स्वीकार कर लिया।

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वैसे इस तरह के मामलों में पहले कोर्ट सुलह करवाने की कोशिश करता है। कई बार कोशिशें कामयाब हो जाती है तो वहीं कई बार लोग पुरानी बातें भूल आगे बढ़ने को तैयार नहीं होते। न्यायमूर्ति एम एल रघुनाथ ने कहा कि हमारी कोशिश रहती है कि लोगों को फिर से मिलने दें। करीब 700-800 केस में 30-32 लोगों को फिर से मिलवाया है। इन दिनों छोटी-छोटी बातों पर लोग तलाक मांग रहे है। शादी के कुछ ही दिनों बाद आपसी तालमेल की कमी के कारण लोग तलाक मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि थाली में गलत जगह नमक रख देने या शादी के सूट का रंग पसंद नहीं आने के आधार पर भी लोगों ने डाइवोर्स की अर्जी दाखिल की है। पिछले दिनों तेलंगाना के भी एक केस ने खासी सुर्खियां बटोरी थीं, जब पति ने बीवी के मटन न पकाने पर पुलिस को रात भर कॉल करके तंग किया था। न्यायमूर्ति रघुनाथ ने कहा कि तलाक के मामलों में जो अर्जी दी जा रही है उसमें अरेंज और लव मैरेज दोनों के समान केस हैं। ये नहीं कह सकते कि अरेंज मैरेज वाले अधिक तलाक ले रहे हैं या लव मैरेज वाले ज्यादा डाइवोर्स ले रहे हैं। जस्टिस रघुनाथ ने कहा कि पिछले कुछ सालों में तलाक के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं।

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